उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सड़क किनारे दुकान लगाकर जूता बेचने वाले एक कामगार मुस्लिम को कथित हिंदूवादी संगठनों के लोगों द्वारा परेशान किया गया। बाद में सक्रिय हुई पुलिस ने उपद्रवियों के बजाय दुकानदार को ही गिरफ्तार कर लिया है।

दरअसल एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसके मुताबिक, जूते बेचने वाले एक दुकानदार को घेरकर कुछ कथित हिंदूवादी संगठनों के लोग धमका रहे हैं। जूते पर ‘ठाकुर’ ब्रांड लिखा है, इस पर उससे सवाल कर रहे हैं। जबकि दुकानदार बार-बार कह रहा है कि उसका काम सिर्फ बेचना है, ऐसे जूते बनाने के लिए कंपनी जिम्मेदार है, वो नहीं।

अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कथित हिंदूवादी संगठन के ये लोग नाराज किस बात से थे? नए बने नियम के उल्लंघन की वजह से या फिर जिस ठाकुर को ऊंची जाति मानते हैं उसके तलवे में रेखांकन की वजह से?

खैर, मामले के लाइमलाइट में आने के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने उपद्रवियों को गिरफ्तार करने के बजाए उस दुकानदार को ही गिरफ्तार कर लिया जो अपनी रोजी-रोटी के लिए सभी कंपनियों के जूतों को एक साथ बेचता है।

नासिर की गिरफ्तारी पर पुलिस की सफाई हास्यास्पद है। उन्होंने ट्वीट किया है- ‘इस प्रकरण में वर्तमान विधि व्यवस्था के अनुसार जो सुसंगत था वह कार्यवाही की है, यदि पुलिस कार्यवाही न करती तो बहुत से लोग उल्टी/भिन्न प्रतिक्रिया देते। अतः पुलिस ने नियम का पालन किया है। कृपया इसे इसी रूप में देखें।’

पुलिस की ये सफाई बहुत से लोगों को रास नहीं आई जिससे सवाल उठने और तेज हो गए। इसी ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकार विनोद कापड़ी ने पूछा-

‘पूरे बुलंदशहर में #Thakur brand के जूते बेचने वाला क्या अकेला #NASIR ही था क्या @bulandshahrpol ?? पूरे विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि ऐसे सैकड़ों दुकानदार और होंगे जो ये जूते बेच रहे हैं। उन्हें भी वर्तमान विधि व्यवस्था के तहत गिरफ़्तार कीजिए।’

दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार अपने कानून व्यवस्था को लेकर हमेशा से सवालों के घेरे में रही है। खासकर एक ऐसे दौर में जब किसी भी मामले को सुलझाने के लिए पुलिस से पहले तमाम स्वघोषित हिंदू संगठनों के लोग पहुंच जाया करते हैं।

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