देश में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। ऑटो सेक्टर और मोबाइल सेक्टर के बाद अब टेक्सटाइल सेक्टर मंदी से जूझता नज़र आ रहा है। टेक्यटाइल मिल एसोशियशन ने एक विज्ञापन के ज़रिए टेक्यटाइल सेक्टर की बदहाली के बारे में जानकारी दी है।

दरअसल, टेक्यटाइल मिल एसोशियशन ने इंडियन एक्सप्रेस के पेज नंबर तीन पर आधे पेज का एक विज्ञापन दिया है। जिसमें यह बताया गया है कि देश का टेक्यटाइल सेक्टर बड़े संकट से गुज़र रहा है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में नौकरियां जा रही हैं।

विज्ञापन में दावा किया गया है कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री का एक्सपोर्ट पिछले साल के मुकाबले करीब 35% घटा है। इससे इंडस्ट्री की एक तिहाई क्षमता भी कम हुई है। मिलों इस स्थिति में नहीं रह गई हैं कि वो भारतीय कपास को खरीद सकें। साथ ही अब इंडस्ट्री में नौकरियां भी जाना शुरू हो गई हैं।

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इस विज्ञापन के सामने आने के बाद पत्रकार उमाशंकर सिंह ने बेरोज़गारी और मंदी को लेकर ज़ोरदार कटाक्ष किया है। उन्होंने ट्विटर के ज़रिए विज्ञापन को शेयर करते हुए कहा, “नौकरी जाने के ऐसे भ्रामक विज्ञापनों पर बिल्कुल भरोसा न करें। अगर आपकी भी नौकरी चली जाए या रोज़गार का भठ्ठा बैठ जाए तभी इस सत्य को स्वीकारें। तब तक चिल करें”।

ग़ौरतलब है कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री करीब 10 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार देती है। साथ ही ये इंडस्ट्री किसानों के उत्पाद जैसे कपास, जूट वगैरह भी खरीदती है। लेकिन मौजूदा समय में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का दावा है कि वह संकट से ग़ुज़र रही है। इस संकट की ओर सरकार का ध्यान खींचने के लिए ही इंडस्ट्री ने अख़बार में ये विज्ञापन दिया है। इंडस्ट्री चाहती है कि सरकार दिक्कतों को हल करने की दिशा में ज़रूरी कदम उठाए।

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इससे पहले ऑटो सेक्टर से भी मंदी की ख़बरें सामने आई थीं। बताया गया था कि कारों की बिक्री में 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है। इसके चलते पिछले चार मीहने में ऑटो सेक्टर में 2.5 लाख लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं और 10 लाख से ज्यादा नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है।

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