सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था पर जीडीपी के आंकड़ों ने मुहर लगा दी है। बैंकों का मर्जर करने में जुटी मोदी सरकार को आस थी कि इससे कुछ हालत ठीक होंगें। मगर वित्त मंत्री की प्रेस कांफ्रेंस ख़त्म होते ही जीडीपी के आंकड़े गए। जिसमें ये बात सामने आई कि अब भारत की आर्थिक विकास दर (GDP) तकरीबन 6 साल के निचले स्तर पर पहुँच गई है।
दरअसल चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट गिरकर महज 5 फीसदी रह गई है।
देश की GDP 6 साल के सबसे निचले स्तर पर, पंखुड़ी बोलीं- इसी ‘अच्छे दिन’ का इंतज़ार था ?
इससे पहले मार्च तिमाही में जीडीपी 5.80 फीसदी रही थी। जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही विकास दर 8 फीसदी दर्ज की गई थी। मौजूदा जीडीपी बीते 25 तिमाहियों मतलब कि पिछले 6 साल से अधिक वक़्त में ये सबसे कम जीडीपी ग्राथ रेट है।
वहीं अगर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट और एग्रीकल्चर सेक्टर में सुस्ती ने देश की जीडीपी ग्रोथ को जोरदार झटका दिया है। इससे पहले, 2012-13 की अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.9 फीसदी के निचले स्तर दर्ज की गई थी।
5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की खुली पोल! भारत की GDP ग्रोथ रेट 5.8% से घटकर 5% हुई
मगर मीडिया अभी मंदिर-मस्जिद और हिंदुस्तान-पाकिस्तान के मुद्दों से ही वक़्त नहीं निकाल पा रहा है। इस मामले पर पत्रकार विनोद कापड़ी ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा,
समस्या :
रूपया 72 पार
जीडीपी 5%
सोना 40000 पार
बेरोज़गारी सबसे उच्चतम स्तर पर
रिएल एस्टेट सबसे ख़राब दौर में
उद्योग बंद हो रहे हैं
नौकरियाँ लगातार जा रही हैसमाधान :
पाकिस्तान को सबक़ सीखा कर रहेंगे
भारत माता की जय
वंदे मातरम
जय श्री राम— Vinod Kapri (@vinodkapri) August 30, 2019
समस्या : रूपया 72 पार, जीडीपी 5%, सोना 40000 पार, बेरोज़गारी सबसे उच्चतम स्तर पर, रिएल एस्टेट सबसे ख़राब दौर में, उद्योग बंद हो रहे हैं, नौकरियाँ लगातार जा रही है।
समाधान : पाकिस्तान को सबक़ सीखा कर रहेंगे। भारत माता की जय, वंदे मातरम, जय श्री राम।