16 जनवरी, 2018 सोमवार सुबह खबर आई कि मक्‍का मस्जिद विस्‍फोट मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव पर बरी कर दिया। अभी अदालत के इस फैसले को लेकर बहस चल ही रहा था कि खबर आई कि फैसला सुनाने वाले जज साहब ने इस्‍तीफा दे दिया।

क्यों दे दिया? इसका जवाब जज नहीं मीडिया के सूत्र दे रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फैसला सुनाने वाले जज रविंदर रेड्डी के खिलाफ भ्रष्‍टाचार के कुछ मामले चल रहे हैं। ऐसा अंदेशा है कि उनसे ही ध्‍यान हटाने के लिए वो ऐसा कर रहे हैं, क्‍योंकि भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो के छापे उनके ठिकानों पर पड़ सकते हैं।

बता दें कि 11 साल पहले 18 मई 2007 को हैदराबाद की ऐतिहासिक मस्जिद में हुए इस धमाके में करीब 9 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 58 लोग घायल हुए थे। यह धमाका जुमे की नमाज़ के दौरान हुआ था।

हैदराबाद में 18 मई 2007 को जुमे की नमाज के दौरान मक्का मस्जिद में एक ब्लास्ट हुआ था। इस विस्‍फोट में नौ लोगों की मौत हुई थी, जबकि 58 लोग घायल हुए थे। इस धमाके में स्वामी असीमानंद समेत कुल 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था।

इनमें से एक आरोपी की मौत हो चुकी है। बाद में इस मामले में पांच आरोपियों पर सुनवाई हुई थी। आरोपियों में स्वामी असीमानंद, देवेंदर गुप्ता, लोकेश शर्मा (अजय तिवारी), लक्ष्मण दास महाराज, मोहनलाल रातेश्वर, राजेंदर चौधरी, भारत मोहनलाल रातेश्वर, रामचंद्र कलसांगरा (फरार), संदीप डांगे (फरार), सुनील जोशी (मृत) शामिल थे। इस मामले में अब तक कुल 226 चश्मदीदों के बयान दर्ज किए गए थे और अदालत में 411 दस्तावेज पेश किए गए थे।

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