न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर अक्सर सरकार और व्यवस्था पर निशाना साधने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज जे चेलमेश्वर ने एक बार फिर से न्यायपालिका के स्वतंत्र होने की वकालत की है।

जे चेलमेश्वर ने शनिवार को कहा कि अगर देश में न्यायपालिका मज़बूत, स्वतंत्र और कुशल नहीं होगी तो इस देश में कोई भी सुरक्षित नहीं रह पाएगा। उन्होंने कहा कि जब भी कार्यपालिका और न्यायपालिका के संबंधों में असंतुलन पैदा हो तो ‘बार’ को इसमे भूमिका निभानी चाहिए।in

बता दें, कि जस्टिस चेलमेश्वर ने 12 जनवरी को जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एमबी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा की गई ये इतिहास की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। इस दौरान जजों ने मीडिया के सामने न्यायपालिका में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया था।

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने शनिवार को नागपुर में एनएल बेलेकर मेमोरियल लेक्चर के दौरान ‘रूल ऑफ लॉ और रोल ऑफ बार’ पर बोलते हुए कहा, “अगर निष्पक्ष और स्वतंत्र न्यायपालिका नहीं है, तो देश में कोई भी नागरिक सुरक्षित नहीं है।”

जस्टिस चेलमेश्वर के मुताबिक, अगर हम चाहते हैं कि हमारी आने वाली पीढ़ियां देश में सम्मान और गौरव के साथ रहे, तो हमें उनके लिए देश की न्यायपालिका को संरक्षित और मजबूत बनाना चाहिए। अगर न्यायपालिका निष्पक्ष और स्वतंत्र नहीं है, तो देश का कोई भी नागरिक सुरक्षित नहीं है।

जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि न्यायपालिका पर कार्यपालिका की दखलअंदाजी से लगातार खतरा बढ़ता है। इसलिए बार काउंसिल को विजिलेंस की भूमिका में आना चाहिए।

उन्होंने कहा, “न्यायिक जांच की व्यवस्था को खत्म करने से सभी तरह की सरकारों की शक्ति एकदम से बढ़ जाएगी। ऐसा होने पर हालात बेकाबू होंगे। क्योंकि, किसी के हाथ में भी शक्ति (राजनीतिक शक्ति) दे देने से भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति बढ़ने लगती है। बता दें कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट विवाद को लेकर जस्टिस चेलमेश्वर सुर्खियों में रहे थे।

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