देशभर में जिस तरह से मूर्ति तोड़ो आन्दोलन चल रहा है उसे देख विपक्षी दल मोदी सरकार और बीजेपी पर ही निशाना साध रहा है। त्रिपुरा में सत्ता हाथ आने के जिस तरह से लेनिन की मूर्ति गिराए जाने के बाद देश के अलग अलग हिस्सों से जननायकों की मूर्ति तोड़े जाने की खबर आई उसे लेकर हंगामा खड़ा हो गया।
नार्थ ईस्ट की सत्ता में दशकों तक रहने वाले इस बात का कसूरवार बीजेपी को ही मानते है। इस मामले में कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी बीजेपी पर सवाल खड़े किये है।
सिंधिया ने कहा ‘भाजपा के सत्ता पर काबिज होने के बाद से ही देश में जगह-जगह मूर्तियों को टारगेट किया जा रहा है। भाजपा चाहे चुनावों में जीत दर्ज कर रही हो लेकिन बावजूद इसके लोगों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही।
इसके बाद सिंधिया ने 24 फरवरी को मध्यप्रदेश हुए दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव पर प्रतिकिर्या देते हुए कहा कि ‘कोलारस और मुंगावली में कांग्रेस की जीत जनता की जीत है साथ ही लाखों कार्यकर्ताओं की भी जीत है।
बता दें कि त्रिपुरा में चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने लेनिन की मूर्ति गिरा दी, वहीं देर रात तमिलनाडू में पेरियार की मूर्ति तोड़ दी गई। वही बंगाल के जाधवपुर यूनिवर्सिटी में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर कालिख पोतने का मामला सामने आया है।