जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार 12 मार्च को राजस्थान के जयपुर गए थे। वहां उन्हें राजस्थान ‘जन लोक मोर्चा’ में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। कन्हैया ने वहां लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि विकास कहा-कहा हो रहा है? कन्हैया ने कहा…

आप जी न्यूज देखिए, टीवी देखिए खूब विकास हो रहा है। हर तरफ विकास ही विकास हो रहा है। कुछ मुट्ठी भर लोग हैं भारत के विकास से जल रहे हैं। वही लोग चिल्ला रहे हैं। लेकिन अगर आपको लगता है कि विकास नहीं हो रहा है आप पेट्रोल पंप चले जाइए वहां मीटर में आपको विकास नजर आएगा…

आप सब्जी खरीदने जाइए वहां आपको विकास दिख जाएगा, आप लड़के लिए लड़की ढूंढने जाते हैं या लड़की के लिए लड़का ढूंढने जाइए वहां दहेज की मांग में आपको विकास दिख जाएगा।

जब आप घर बनाने का सपना देखते हैं और पूरी जिंदगी की कमाई उसमे झोंक देते हैं फिर भी अपने सपनों घर नहीं बना पता वहां विकास दिख जाएगा।

भारत की स्कूली शिक्षा पर सवाल उठाते हुए कन्हैया ने कहा कि बच्चों के पिता जी को स्कूलों के बाहर लंबी-लंबी लाइन लगानी पड़ती है। पिता जी भी सोचते हैं कौन सी गलती कर दी बालक पैदा कर के। अच्छी शिक्षा देने के लिए बालक का इंटरव्यू नहीं होता पिता जी का इंटरव्यू होता है।

स्कूल को ऐसा विद्यार्थी चाहिए जो पहले से पढ़ा लिखा हो। फिर स्कूल क्या पढ़ाएगा? अब ऐसी स्थिति में भी आपको विकास दिखता होगा। जब एक तरफ बहुत ऊंची-ऊंची इमारते बनती जा रही हैं और दूसरी तरफ झोपड़ी और छोटे मकान गायब होते जा रहे हैं वहां भी आपको विकास दिखता होगा।

पेड़ पर जब किसान की लटकी हुई लाश देखते हैं वहां भी विकास झूलता हुआ दिखता होगा। जब मजदूर अपनी मजदूरी के लिए किसी मालिक के सामने गिड़गिड़ाता रहा होगा वहां उसके गिड़गिड़ाने की आवाज में आपको विकास तेज होता हुआ दिखाई देगा।

इसलिए मैं कहता हूं कि विकास दिखता है। लेकिन अगर आपको विकास नहीं दिखता है तो आपके पास विकास को देखने वाला ‘मोदी छाप’ चश्मा नहीं है। अगर आपके पास मोदी छाप चश्मा है तो विकास जरूर दिखेगा।

कन्हैया ने आगे कहा कि मेरे पास ये मोदी छाप चश्मा नहीं है इसलिए देशद्रोही बन जाता हूं।

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