सोमवार, पांच मार्च को त्रिपुरा के बेलोनिया शहर के सेंटर ऑफ कॉलेज स्कॉयर में खड़ी लेनिन की प्रतिमा को जेसीबी मशीन से गिरा दिया।

इस प्रतिमा को 2013 में CPIM ने लगवाया था। 11.5 फुट फाइबर ग्लास से बने इस प्रतिमा को बनाने में तीन लाख रुपए का खर्च आया था।

सोशल मीडिया पर सुबह से ही #Lenin ट्रेंड कर रहा है। कुछ लोग प्रतिमा गिराए जाने का समर्थन कर रहे हैं वही ज्यादातर लोग इसकी निंदा कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर लेनिन की प्रतिमा गिराए जाने की वीडियो शेयर की जा रही है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि प्रतिमा गिरने का जश्न मनाने वाले लोगों ने बीजेपी की टोपी पहनी हुई है। ये लोग मूर्ति गिराते वक्त भारत माता की जय के नारे लगाए जा रहे थें।

लेनिन की प्रतिमा गिराए जाने की निंदा करते हुए जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा है कि मुर्तियों को कुचला जा सकात है लेकिन विचारों को नहीं।

उन्होंने ट्वीट किया है कि ‘विज्ञान और विचार को ना तो देश की सीमाओं से बाँधा जा सकता है और ना ही मूर्तियां गिराकर कुचला जा सकता है। मूर्ति रहे न रहे, मूर्ति वाले के विचारों को समाज में मूर्त रूप देने से ही तानाशाही हारेगी और समाजवाद जीतेगा। यही इतिहास है, यही भविष्य होगा। #Lenin’

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