देश में अब घोटालों का दौर शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश में कानपुर की कंपनी रोटोमैक घोटाले के बाद एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। डॉ एमपी अग्रवाल की कंपनी श्री लक्ष्मी कॉटसन लिमिटेड ने 16 बैंकों से 3972 करोड़ लोन लिया था और अब ये कंपनी डिफाल्टर लिस्ट में डाल दी गई है।बताया जा रहा है कि पिछले 4 सालों से कंपनी की हालत ख़राब चल रही थी।

दरअसल श्री लक्ष्मी कॉटसन लिमिटेड एक टेक्सटाइल कंपनी है जिसने 16 बैंकों से करीब  3972 करोड़ लोन लिया जिनमें से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 3904 करोड़ और यूको बैंक से 65 करोड़ और आईएफसीएल के 5 करोड़ लोन लिया था।

मगर पिछले 4 साल से कंपनी घाटे में जाने लगी। यही वजह रही कंपनी का मौजूदा घाटा 1646.12 करोड़ रुपये हो गया। दीर्घ अवधी का लोन 2406 करोड़ रुपये है जबकि शार्ट टर्म लोन 937 करोड़ रुपये है।

वही अगर लोन रिकवरी की बात की जाये तो कुल एसेट्स सिर्फ  1495 करोड़ रुपयों के है। जबकि कंपनी बैंकों में कुल 2.54 करोड़ रुपये ही जमा हैं।

जबकि कंपनी की बैलेंस शीट के मुताबिक कंपनी को चलाने के लिए 577 करोड़ की ज़रूरत है जबकि उसकी कुल कमाई ही 311 करोड़ रुपयों की है।

कंपनी की बैलेंस शीट को देखते हुए कहा जाने लगा है कि बैंक डिफ़ॉल्ट के मामले में यह मामला विक्रम कोठारी से भी बड़ा है। कोठारी पर 3695 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है। जबकि श्री लक्ष्मी पर 3972 करोड़ धोखाधड़ी का मामला है।

श्री लक्ष्मी 20 उत्पादों के अलावा वाहनों के लिए ब्लास्ट प्रूफ भी बनाती है।

इस कंपनी को 15 बैंकों ने लोन दिए है। जिनमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया कंसोर्टियम का लीड बैंक है। इस कंसोर्टियम में सिंडिकेट बैंक, यूनियन बैंक, केनेरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, एक्जिम बैंक, ओरिएण्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स, आईडीबीआई बैंक, विजया बैंक, कारपोरेशन बैंक, सारस्वत बैंक और आंध्र बैंक जैसे नाम शामिल हैं।

साभार – न्यूज़18

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