चंदौली में भीड़ का शिकार हुए 17 वर्षीय ख़ालिक अंसारी ने आज बीएचयू में दम तोड़ दिया। ख़ालिक को बीते कल 29 जुलाई को कथित तौर पर भीड़ ने ‘जय श्री राम’ का नारा न लगाने पर ज़िंदा जला दिया था। जिसके बाद उसे बीएचयू में इलाज के लिए भर्ती किया गया था।
पुलिस ने ख़ालिक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। ख़ालिक की मौत से आहत परिजनों में कोहराम मच गया है। इससे पहले ख़ालिक के पिता जुल्फकार अंसारी ने मीडिया से बात करते हुए घटना की जानकारी दी थी और सवाल किया था कि आख़िर उनका कसूर क्या था, जो उनके साथ ऐसा किया गया?
पिता ने बताया कि जब उसका बेटा घटना के बाद अधमरी हालत में घर आया तो उसने बेटे से घटना के बारे में पूछा। जिसके जवाब में बेटे ने कहा, ‘पापा मुझे नहीं पता …चार लोग थे, मुझे दबोच कर पकड़ लिया और फिर गाड़ी पर बैठाकर ले गए। इन लोगों ने हमें दुधारी के पुल से उठाया और फिर एक सन्नाटी जगह ले गए। जहां इन लोगों ने पहले मुझसे जय श्री राम का नारा लगाने और अपने अल्लाह को गाली देने के लिए कहा।
लेकिन जब मैंने ऐसा नहीं किया तो ये लोग मुझे पीटने लगे और फिर इनमें से एक ने कहा कि सुनील इसके ऊपर तेल डाल और माचिस फेंक, ये ख़ुद ही मर जाएगा। फिर उसके बाद ये लोग माचिस डाले गाड़ी में बैठे और वहां से भाग लिए’।
पिता ने बताया कि इसके बाद ख़ालिद वहां से भागा और घर आ गया, जहां उसने मुझे सारी बाते बताईं। पिता ने बताया कि बेटे के घर आने के बाद उसने 100 नंबर पर फोन कराया, जिसके बाद वहां पुलिस आ गई। पुलिस 8-10 लोगों की मदद से ख़ालिद को खाट पर लिटा कर थाने ले गई, लेकिन थाने पर एसओ साहब मौजूद नहीं थे, जिसकी वजह से उन्हें इन्तेज़ार करना पड़ा।
बाद में एसओ साहब वहां आए और उन्होंने कहा कि पहले इसे अस्पताल लेकर जाओ। फिर उन्होंने अपनी गाड़ी से चंदौली ज़िला अस्पताल पहुंचवाया। जहां से ख़ालिद को बीएचयू रेफर कर दिया गया। इसके बाद ख़ालिद को बीएचयू लाया गया, जहां उसका ईलाज चल रहा है।
पिता ने सवाल करते हुए कहा कि आख़िर हमारा कसूर क्या था, जो हमारे साथ ऐसा किया गया? हम लोग सीधे-साधे कमाने-खाने वाले लोग हैं, हम किसी से मतलब नहीं रखते, फिर हमें निशाना क्यों बनाया गया?