चारा घोटाले में सजा पाने के बाद लालू यादव इन दिनों बिरसा मुंडा कारागार में कैद हैं लेकिन अचानक शुगर लवेल बढ़ने और ह्रदय रोग की वजह से उन्हें रिम्स में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें इंसुलिन लेने की सलाह दी थी, जिसे लालू ने लेने से इनकार कर दिया और इलाज के लिए खुद को एम्स भेजने की बात कही थी।

लालू प्रसाद अपने खर्च से हवाई जहाज से दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए जाना चाहते थें। उन्होंने जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर इसकी अनुमति भी मांगी जिसे नामंजूर कर दी गई।

उन्होंने पत्र में लिखा था वह अपने खर्च से हवाई जहाज द्वारा नई दिल्ली इलाज के लिए जाना चाहते हैं। यदि आवश्यक हुआ तो एक सुरक्षाकर्मी को भी अपने खर्चे पर हवाई जहाज से अपने साथ ले जाने के लिए भी लालू प्रसाद तैयार हैं। उन्होंने जेल अधीक्षक से अनुरोध किया है कि हवाई जहाज से यात्रा करने की अनुमति उन्हें दी जाए।

लालू यादव के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया। जिसके बाद उन्हें राजधानी एक्सप्रसे से 16-17 घंटे का सफर कर दिल्ली आना पड़ा। लेकिन सवाल उठता है कि लालू यादव को इलाज के लिए हवाई जहाज से दिल्ली जाने की इजाजत क्यों नहीं दी गई? क्या इस तरह का बर्ताव पूर्व रेल मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व सांसद के साथ करना सही है? क्या राजनीतिक क्रूरता नहीं है?

जबकी इसी देश में एक बलात्कार के दोषी ढ़ोगी बाबा को हेलीकॉप्टर से जेल पहूंचाया जाता है। आपको याद होगा पिछले साल अगस्त में बलात्कारी राम रहीम को अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद हेलीकॉप्टर से जेल पहुंचाया गया था।

कुछ लोग इसके पीछे सुरक्षा व्यवस्था का हवाला दे सकते हैं, तो क्या इस हिसाब से भी लालू यादव की स्वास्थय संबंधी दिक्कतों को समझते हुए उन्हें हवाई जहाज से जाने की इजाजात नहीं मिलनी चाहिए थी?

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने लिखा है कि ‘बलात्कार और हत्या के आरोपी बाबा राम रहीम के लिए सरकारी हेलीकॉप्टर और देश के करोड़ों वंचितों की आवाज, पूर्व रेल मंत्री, पूर्व मुख्य मंत्री के लिए रेलगाड़ी। वह भी तब 71 साल का वह राजनेता इलाज के लिए दिल्ली आ रहा है। ब्राह्मणवादी हिसा और क्रूरता का यह प्रदर्शन लंबे समय तक याद रखा जाना चाहिए।’

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