राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को लेकर आज एक नए खुलासे पर हंगामा मच गया है।

सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज एफआईआर में कहा- उनके पास लालू प्रसाद यादव के खिलाफ पर्याप्त सुबूत नहीं हैं।

फिर सवाल उठने लगे कि, फिर क्यों सीबीआई ने लालू यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

लालू यादव ने खबर को ट्वीट करते हुए लिखा कि, उसूलों पर चलते-चलते छाले पड़ गए लेकिन कभी भी बेईमानी का मरहम नहीं खरीदा।


इसके अलावा वह पहले यह भी कह चुके हैं कि, लालू चोर होता तो जेल नहीं बीजेपी में होता। राजद प्रमुख के खिलाफ साजिश रचने का इल्जाम सत्ताधारी पार्टी भाजपा पर लगाया जा रहा है।

राजद राज्यसभा सांसद मनोज झा ने लिखा कि, CBI की लीगलविंग की अनुशंसा के खिलाफ जाकर लालूजी पर मुकदमा दायर करना इस बात को एक बार पुनः साबित करता है कि दिल्ली सल्तनत पर काबिज लोग विपक्ष की मज़बूत आवाज़ को राजनीति में परास्त नहीं कर सकते तो षड़यंत्र और कुचक्र रचो।अभी और साक्ष्य BJP4India की पोल खोलेंगे


आपको बता दें कि,सीबीआई की इकनोमिक अफेयर्स डिवीज़न का कहना है कि 2006 में रेलवे मंत्री रहते हुए लालू यादव ने रेलवे के दो होटलों को एक नीजी कंपनी ‘सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम ट्रान्सफर कराया।

आरजेडी चीफ पर आरोप है कि इसके बदले उनके कुछ करीबियों को पटना में महंगी ज़मीन दी गई।

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