मोदी सरकार की तथाकथित वित्तीय क्रांति जीएसटी का असर लगातार देश की अर्थव्यवस्था और विभिन्न क्षेत्रों पर बना हुआ। जीएसटी लागू होने के बाद आए नए-नए टैक्स और व्यवस्था में उभरी परेशानियों ने व्यापर को मुश्किल बना दिया है। देश का कपड़ा उद्योग उद्योग इसका एक उदाहरण है।

अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक के कपड़ा उद्योग के निर्यात पर नज़र डाली जाए तो इस बीच उद्योग को बड़ा नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि इसी दौरान सरकार ने जीएसटी को लागू किया था।

अप्रैल 2016 से जनवरी 2017 तक कपड़ा उद्योग का निर्यात 13,960.2 मिलियन डॉलर था। वहीं अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक ये कपड़ा उद्योग निर्यात 13,783.4 मिलियन डॉलर रहा यानि लगभग 1150 करोड़ रुपये का घाटा सिर्फ कपड़ा उद्योग को निर्यात में हुआ।

जीएसटी से निर्यात पर क्या असर

दरअसल, जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट फंसने की वजह से निर्यातक बहुत परेशान हैं। बता दें, कि जीएसटी आने से पहले देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यातकों पर टैक्स नहीं लगाया जाता था।

जीएसटी आने के बाद नए नियम के मुताबिक जैसे ही किसी भी निर्यातक का सामान निर्यात हो जाएगा तो उसके सामान पर लगाया गया टैक्स उसे वापस मिल जाएगा। लेकिन जीएसटी में खामियों के चलते टैक्स निर्यातकों को वापस नहीं मिल पा रहा है।

सरकार समय में निर्यातकों को उनका पैसा वापस नहीं कर पा रही है और इस तरह उनके हज़ारों करोड़ रुपये फंस गए हैं। जिसके कारण वो निवेश नहीं कर पा रहे हैं।

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