देशवासियों से पीएम मोदी ने गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील की। करीब 1.04 करोड़ लोगों ने सब्सिडी छोड़ दी थी। मगर ये एक अधूरा किस्सा है।

असल किस्सा ये है- रोज-रोज बढ़ती महंगाई ने उस आम जनता की कमर तोड़कर रख दी जो नोटबंदी के बाद जीएसटी में उलझ गई ऊपर से लगातार बढ़ रहे तेल की कीमतों ने तो बुरा हाल तो कर ही रखा है।

अब हालत ऐसे आ गए हैं कि जिन्होंने पहले सब्सिडी छोड़ दी थी, वो अपनी सब्सिडी वापस ले रहें है। जिसे लेकर उत्तराखंड में पिछले एक महीने के करीब पांच हज़ार लोगों ने गैस सब्सिडी वापसी के लिए गैस एजेंसी को अपना आवेदन दे चुके है और ये सिलसिला अभी जारी है। गैस एजेंसीयों की माने तो रोज सब्सिडी वापस लेने के करीब 150 आवेदन आ चुके है।

894 रु की गैस, सब्सिडी 391

दरअसल गैस सिलेंडर के दाम पिछले छह महीने में 336 रूपये बढ़े हैं। मार्च में रसोई गैस सिलेंडर 558 रूपये का मिलता था और 90 रु सब्सिडी मिलती थी। अब जब गैस सिलिंडर 894 रु की हो गई तब सब्सिडी 391 रु मिल रही है। ऐसे में कौन जो इस महंगाई में ये फायदा छोड़ देगा।

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अच्छे दिन का ख्वाब दिखाने वाले पीएम मोदी ने आम जनता की जेब पर लगातार हमला किया है और लगातार कर भी रही है। कोई भी शख्स जो माध्यम वर्ग का होगा या फिर गरीब उसके लिए एक एक रूपये का बजट है।

ऐसे में अगर उसने  मोदी के कहने पर सब्सिडी छोड़ भी दी थी तो आप उनके लिए सुनहरा मौका की वो अपनी सब्सिडी वापस लेकर अपने बजट को ठीक कर सकते है। अब जिन्होंने गैस सब्सिडी छोड़ दी थी वो लोग अपनी गैस स एजेंसी से यह बेनिफिट पाने के लिए अनुरोध कर सकते हैं।

बता दें कि देश में करीब 24.5 करोड़ रसोई गैस उपभोक्ता है, इनमें से 8.3% यानी की करीब दो करोड़ लोगों को सब्सिडी नहीं मिलती है। जिनमें करीब 1.04 उपभोक्ताओं ने पिछले ही साल पीएम मोदी के अनुरोध पर सब्सिडी छोड़ दी थी।

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