टीडीपी का मोदी सरकार से अलग होने के बाद अब विपक्ष चंद्रबाबू नायडू के पक्ष खड़ा हो गया है। राजद ने टीडीपी के मोदी सरकार से अलग होने को ऐतिहासिक बताया है।
मनोज झा ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी ऐसा करना चाहिए क्योकिं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना अभी बाकी है।
दरअसल आंध्र प्रदेश की चन्द्रबाबू की पार्टी टीडीपी ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिये जाने पर बीजेपी का साथ छोड़ दिया है। जिस मामले पर मनोज झा सवाल उठा रहे है वो भी ऐसा ही मामला है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाने के मामले को नीतीश सरकार ठंडे बसते में डाल दिया है।
मनोज झा ने टीडीपी के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि नीतीश सरकार को बिहार को विशेष दर्जे के लिए प्रधानमंत्री को चिट्टी लिखनी चाहिए। क्योकिं ये ऐसा मामला जिसमें आपको राजनैतिक दल से हटकर आवाज़ उठानी पड़ेगी।
झा ने आगे कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अंदर अगर 1 प्रतिशत भी नायडू जैसी हिम्मत है तो उन्हें ये बात मोदी सरकार तक कहनी चाहिए।
वही सरकार में शामिल लोजपा के सांसद और मोदी सरकार में मंत्री राम विलास पासवान ने भी इस मामले को उठाया, मगर वो राज्य की अहम मांग की जगह मोदी सरकार का बचाव कर गए।
पासवान ने कहा कि नीतीश सरकार लम्बे समय से बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि मगर इनमें अहम है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं स्पेशल पैकेज दिया जा रहा है जो ज्यादा फायदेमंद है।
लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग संतुष्ट नहीं हैं और उनके लिए मैं इतना ही कहूंगा कि भारत केवल एनडीए के शासनकाल में ही तरक्की कर सकता है।’
जेडीयू के नेता पवन वर्मा ने भी मोदी सरकार को याद दिलाया की बिहार को भी विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी काफी समय से विशेष राज्य के दर्जे की मांग दोहराते रहे हैं।
बता दे कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार साल 2005 के विधानसभा चुनाव से लेकर हाल में हुए चुनाव तक उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते रहे हैं। ऐसे में इस मामले पर नीतीश कुमार का क्या कहना है इसके लिए उनकी प्रतिकिर्या आना बाकी है।