उपचुनावों में ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब एक दूसरे का विरोध करने वाली राजनैतिक पार्टियां किसी एक हराने के लिए एक साथ आ जाती है।

ऐसा ही कुछ हुआ है फूलपुर-गोरखपुर उपचुनाव में जहां बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) सपा (समाजवादी पार्टी) का प्रत्याशी का समर्थन करेगी। इसकी सूचना खुद बसपा के जोनल कोआर्डिनेटर अशोक गौतम ने दी थी। इसके बाद खुद बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव के लिए किसी भी तरह के गुपचुप गठबंधन से इनकार किया है।

दरअसल मायावती ने खुद प्रेस कॉंफ्रेंस करते हुए 2019 में सपा-बसपा गठबंधन से साफ इंकार कर दिया है।

वहीं मायावती ने सफाई पेश करते हुए कहा कि फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव इन दोनों सीटों पर बसपा ने पहले से ही अपने उम्मीदवार नहीं उतारे है।

मैंने कार्यकताओं को निर्देश दिया है कि जो भी विपक्षी उम्मीदवार बीजेपी को हराता नजर आए उसे अपना कीमती वोट दो। सपा उम्मीदवार को वोट देने के निर्देश को उन्होंने तथ्यों से परे बताया।

वही इससे पहले फूलपुर उपचुनाव में सपा को समर्थन की घोषणा करते हुए अशोक गौतम ने कहा था की बीजेपी को हराने के लिये बसपा ने सपा का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल लोकसभा उपचुनाव के लिए ही ये समर्थन किया गया है। इलाहाबाद में ही बसपा जिला कार्यालय में पार्टी नेताओं की बैठक हुई थी।

ऐसा कहा जा रहा है कि गोरखपुर और फूलपुर में हो रहे लोकसभा उपचुनाव के बारे में बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के जिम्मेदार नेताओं से फीडबैक लिया था। दोनों लोकसभा क्षेत्रों के जोनल कोऑर्डिनेटर से भी उनकी बात हुई थी।

फूलपुर लोकसभा उपचुनाव सीटकेशव प्रसाद मौर्य के सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थी। उपचुनाव में भाजपा ने वाराणसी के पूर्व महापौर कौशलेंद्र सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया है। वहीं सपा ने नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है, तो कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता जेएन मिश्र के पुत्र मनीष मिश्र पर दांव लगाया है।

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