यूपी इंवेस्टर्स समिट के बाद कई लोगों को इस बात की उम्मीद है कि अब प्रदेश की छवि बदलेगी। सीएम योगी की माने तो समिट में चार लाख 28 हजार करोड़ रुपये के एमओयू साइन हुए हैं, जबकि 4 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव भी सरकार के पास आए हैं।
लेकिन बीएसपी सुप्रीमों व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का कहना है कि ये इन्वेस्टर्स समिट महज एक दिखावा था और कुछ नहीं।
मायावती के मुताबिक प्रदेश की मौजूदा योगी सरकार ने इस समिट का आयोजन कर करोड़ों अरबों रुपए बर्बाद किए हैं। इन्वेस्टर्स समिट आजकर फैशन बन चुका है। प्रदेश की गरीब जनता का पैसा पानी की तरफ बहाकर इन्वेस्टर्स समिट करना सही नहीं है।
मायावती का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। और यही इन्वेस्टर्स समिट के असफल होने का बड़ा कारण भी साबित होगा। प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत खराब है इसलिए इन्वेस्टर्स यहां पैसा लगाने की जोखिम नहीं उठाएंगे।
मायावती के मुताबिक, योगी सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट की जगह गरीब कल्यान और कानून व्यवस्था को ठीक करने में पैसा लगाया होता तो प्रदेश की जनता को ज्यादा फायदा होता।
बता दें कि 21-22 फरवरी को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ‘यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018’ का आयोजन किया गया था। इस समिट में प्रधानमंत्री मोदी समेत कई बड़े उधोगपति शामिल हुए थें।