23 मार्च को हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत के बाद आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कान्फ्रेंस किया। मायावती ने बताया कि आखिर क्यों राज्यसभा में सपा-बसपा को हार का सामना करना पड़ा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरूआत करते हुए मायावती ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के षडयंत्र को धूल चटाई जा सकती थी अगर सपा मुखिया अखिलेश यादव राजा भैया के झूठे मकरजाल में न फंसे होते।

बसपा प्रमुख ने कहा कि जिस राजा भैया को बीजेपी और खासकर कल्याण सिंह कुंडा का गुंडा कहते थे आज उसका समर्थन ले लिया है। मेरी सरकार ने राजा भैया को लाइन पर ला दिया था।

मायावती ने अखिलेश यादव को सीख देते हुए कहा कि अखिलेश यादव को अपनी पूरी ताकत बीजेपी के षडयंत्र को तोड़ना चाहिए था। उन्हें अपनी हर कुर्बानी देकर बीएसपी के राज्यसभा उम्मीदवार को जीतवाना चाहिए था, इसमे वो थोड़ी सी चूक कर गए।

अगर मैं अखिलेश यादव की जगह होती तो फिर अपने उम्मीदवार को जीतवाने के बजाए सपा के उम्मीदवार को जीताने को पहली प्राथमिकता देती। जिससे फिर बीजेपी सपा और बसपा की बन रही नजदीकी को तोड़ने की हिम्मत नहीं करती।

लेकिन फिर भी आज मैं अपने लंबे राजनीतिक अनुभव को ध्यान में रखकर बीजेपी एंड कंपनी के लोगों को ये आगाह करना चाहती हूं कि जिस खास मकसद (सपा-बसपा को तोड़ने) से बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने षडयंत्र के तहत बीएसपी के उम्मीदवार को हरवाया है, उसे मैं किसी भी कीमत पर पूरा नहीं होने दूंगी।

अगर बीजेपी के लोग जीत की लड्डू खाकर सोच रहे होंगे कि मायावती बहुत गरम मिजाज की है अब सपा बसपा का गठबंधन टूट जाएगा, और 2019 में उनकी बल्ले बल्ले हो जाएगी, तो मैं ऐसा नहीं होने दूंगी। आज मेरे इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद फिर बीजेपी वालों की हालत खराब होने वाली है।

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