एनआईए की विशेष अदालत ने मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद सहित सभी 5 आरोपियों को बरी कर दिया है। इस फैसले पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए हैदराबाद से सांसद एवं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ़ असदुद्दीन ओवैसी ने एनआईए की जांच पर सवाल उठाए हैं।

ओवैसी ने कहा कि एनआईए ने मामले की सही पैरवी नहीं की। उन्होंने ट्वीट के ज़रिए कहा, “जून 2014 के बाद मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस मामले में अधिकतर गवाह अपने बयान से पलट गए।

एनआईए ने केस की पैरवी उम्मीद के मुताबिक नहीं की या फिर ‘राजनीतिक मास्टर’ द्वारा उन्हें ऐसा करने नहीं दिया गया। आपराधिक मामले में जबतक ऐसी पक्षपाती चीजें होती रहेंगी तबतक न्याय नहीं मिलेगा”।

उन्होंने कहा, “न्याय नहीं हुआ है। एनआईए और मोदी सरकार ने आरोपियों को मिली बेल के खिलाफ़ भी अपील नहीं की। यह पूरी तरह से पक्षपाती जांच थी। इससे आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई कमज़ोर हुई है”।

ओवैसी ने एनआईए पर तीखा हमला करते हुए कहा, “एनआईए एक बहरा और अंधा तोता है। एजेंसी ने आरोपियों के बेल के खिलाफ अपील नहीं की। गवाह अपने बयान से पलट गए। यह पीड़ितों के लिए नुकसान की बात रही। आज के फैसले के बाद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई कमजोर हुई है”।

बता दें कि करीब 11 साल पहले 18 मई 2007 को हैदराबाद की ऐतिहासिक मस्जिद में हुए इस धमाके में करीब 9 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 58 लोग घायल हुए थे। यह धमाका जुमे की नमाज़ के दौरान हुआ था।

इस मामले में आरोपी देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, स्वामी असीमानंद उर्फ नबा कुमार सरकार, भारत मोहनलाल रत्नेश्वर उर्फ भारत भाई और राजेंद्र चौधरी को गिरफ्तार किया गया था और उनपर ट्रायल चला था। जिन्हें आज एनआईए की विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

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