21वीं सदी में जब किसी पर भरोसा करना खतरनाक साबित हो सकता है, उस वक्त भी आप टीवी मीडिया की दलाली पर आंख बंद करके भरोसा कर सकते हैं। मेनस्ट्रीम मीडिया ने कॉरपोरेट का नमक खाया है और वो उस नमक के हर दाने के साथ वफादारी कर रही है।

भले ही वफादारी कीमत देश के आम जनता को ही क्यों न चुकानी पड़े। पितृसत्तात्मक व्यवस्था वाले भारत में हर रोज महिलाओं के साथ हिंसा हो रही है, बलात्कार हो रहे हैं। फिलहाल देश का आम नागरिक इसके विरोध में सड़कों पर है, कड़ी से कड़ी सजा की मांगा की जा रही है।

सोशल मीडिया पर सत्ता में बैठे लोगों से कठोर सवाल किए जा रहे हैं लेकिन मेनस्ट्रीम मीडिया सत्ता से सवाल करने का दुस्साहस नहीं कर रहा है। कैश की संकट से देश के कई राज्य जूझ रहे हैं, प्रधानमंत्री झोला उठाकर विदेश चले गए हैं लेकिन टीवी स्क्रीन पर कोर्ट पैंट में दिखने वाले खाए-अघाए एंकरों में गले से आवाज नहीं निकल रहा है।

वो अभी भी हिंदू-मुस्लिम डिबेट में लगे हुए हैं, कोई कर्नाटक में मोदी का डंका बजवा रहा है, कोई 2019 का बिगुल फूंक रहा है। टीवी मीडिया को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की देश का मिजाज क्या है? देश का आम नागरिक क्या चाहता है? देश अपनी बेटियों के लिए इंसाफ चाहता है, एटीएम में कैश चाहता है या हिंदू-मुस्लिम डिबेट?

आज हुए टीवी प्रोग्रामों पर ही एक नजर दौरा लीजिए…

आज तक-
रोहित सरदाना-
‘भगवा आतंक’ की याद दिला कर कर्नाटक जीतेगी BJP?
दंगल, 5 PM, आज तक पर।

न्यूज 18 इंडिया-
सुमित अवस्थी-
रात 7:57 बजे आज का मुद्दा– ‘सबके साथ भारत की बात’
आज का सवाल– क्या PM मोदी के विदेश दौरों से दुनिया में भारत की छवि ज़्यादा निखरी है?
सिर्फ @News18India पर

न्यूज 18 इंडिया-
अमीश देवगन
कठुआ बहाना मोदी निशाना!
मौन पर मोदी Vs मनमोहन
#AarPaar शाम 6.57 बजे

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