इंडिया अब सिर्फ इंडिया नहीं रह गया है ये ‘डिजिटल इंडिया’ बन चुका है ऐसा दावा है मोदी सरकार का। लेकिन इस तथाकथित डिजिटल इंडिया में क्या चीज़े सुरक्षित हैं या फिर सिर्फ रिलायंस जियो का सस्ता डाटा बेचना ही डिजिटल इंडिया की पहचान है।

रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट आज हैक हो गई है। अधिकारीयों का कहना है कि वेबसाइट को सही करने के लिए काम चल रहा है। इसमें चीनी हैकरों का हाथ होने की आशंका जताई गई है।

सवाल ये है कि जब सरकार इतने महत्वपूर्ण मंत्रालय की वेबसाइट को हैक होने से नहीं बचा पा रही है तो आधार की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किस आधार पर किये जाते हैं।

गौरतलब है कि आधार डाटा लीक होने की कई खबरे पिछले दिनों में आई हैं। कई विदेशी वेबसाइट और हैकरों ने भी आधार डाटा लीक होने की बात कही है।

इस सब के बावजूद मोदी सरकार आधार को सभी तरह की सुविधाओं से जोड़ना चाहती है। कोर्ट में सरकार ये दावा भी करती है कि आधार की सुरक्षा को कोई भेद नहीं सकता लेकिन यहाँ तो देश के रक्षा मन्त्रालय की सुरक्षा को भेद वेबसाइट ही हैक कर ली गई है।

डिजिटल इंडिया का जो सपना है उसे नोटबंदी के बाद से ज़्यादा दिखाया जा रहा है। नोटबंदी में दर्द से कराह रही जनता को मरहम के तौर पर नहीं बल्कि दर्द से ध्यान हटाने के लिए इस सपने को लाया गया था। लेकिन सरकार इस बात का जवाब नहीं देती है कि इस डिजिटल इंडिया में कैसे 210 सरकारी वेबसाइटों से आधार डाटा लीक हो जाता है।

रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट जो संवेदनशील जानकारी से जुड़ी है उसके हैक होने के बाद तो सरकार को ये जवाब देना चाहिए कि इस डिजिटल इंडिया में डिजिटल सुरक्षा के लिए सरकार कितना पैसा खर्च कर रही है। या फिर ये भी जुमला है (भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की भाषा में)।

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