<p>निजी डाटा लीक की समस्या अब भारत में भी बढ़ती जा रही है। एक तरफ पूरे विश्व में निजी डाटा की सुरक्षा के लिए काम हो रहा है। दूसरी तरफ आशंका पूर्व-सैनिकों का निजी डेटा लीक कर दिया है।</p>
<p>गौरतलब है कि टेक्नोलॉजी के इस दौर में पूरे विश्व में लोगों का निजी डेटा चुराकर कई तरह की अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। हाल ही में फेसबुक के पांच करोड़ यूज़र के डाटा लीक होने का मामला भी सामने आया है।</p>
<p>एक आरटीआई के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि उसने 50 लाख पूर्व सैनिकों का निजी डाटा एक प्राइवेट कंपनी को दिया था। अब मंत्रालय को ये पता नहीं है कि काम होने के बाद उस निजी विक्रेता ने वो डाटा खत्म कर दिया या वो अब भी उसके पास है।</p>
<p>नौसेना के पूर्व कोमडर लोकेश के बत्रा की आरटीआई का जवाब देते हुए मंत्रालय ने ये जानकारी दी। बत्रा पिछले तीन महीने से इस बात का जवाब मांग रहे थे।</p>
<p>पूर्व-सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के तहत ये जानकारी निजी विक्रेता को दी गई थी। मंत्रालय ने निजी विक्रेता से डेटा नष्ट करने के लिए किसी तरह का शपथपत्र भी नहीं लिया।</p>

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