पिछले कई दिनों से सीमा पार से गोलीबारी तेज होती जा रही है और भारत और पाकिस्तान में तनाव बढ़ा हुआ है। न इस देश से कोई खिलाड़ी वहां खेलने जा सकता है और न ही उस पार से कोई या गाना गाने के लिए आ सकता है। भूले भटके अगर कोई आ भी गया तो उसका विरोध प्रदर्शन मीडिया में जोर शोर से होने लगता है।
भारत पाकिस्तान के बीच तनाव के माहौल में मोदी सरकार ने फिर एक बार बड़ा दिल दिखाया है। भारत के कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र शेखावत ने दिल्ली के पाकिस्तान एम्बेसी में पाकिस्तान राष्ट्रीय दिवस के जश्न में शिरकत की। इस कार्यक्रम में हैरान करने वाले एक और बात ये भी रही कि कार्यक्रम में अलगवावादी नेता भी शामिल हुए थे।
जिस मामले में खुद पीएम मोदी ने हमला बोलते हुए कहा था कि पाकिस्तान को अब प्रेम पत्र लिखना बंद करना पड़ेगा। मगर सरकार में आने के बाद ही अचानक पाकिस्तान का दौरा किया तो जवाब में भारत को पठानकोट में आतंकी हमले से मोदी सरकार की खूब किरकिरी हुई। उसके बाद पठानकोट में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को जाँच के बुलावा देने के बाद मोदी सरकार लगातार रुसवाई का सामना करना पड़ा है।
मोदी सरकार अपने मंत्री को पाकिस्तान के नेशनल डे में भेजने से पहले एक बार ही सही उन जवानों को याद करना चाहिए था। जो पिछले 4 सालों में बिना किसी जंग के पाकिस्तान के तरफ से होने गोलीबारी मारे गए है। क्या यही है देशभक्ति जिसे बीजेपी चुनाव दर चुनाव अपने भाषणों में जिसे प्रयोग करती नज़र आती है।
सबसे हैरान करने वाली जो बात है वो ये इस पाकिस्तान के इस कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय से नहीं बल्कि कृषि मंत्री अगर इतना किसानों के बारें में सोच लेते तो देश के किसानों को सड़क पर नहीं उतर कर प्रदर्शन करना पड़ता और न ही मौत को गले लगाना पड़ता।