पिछले दिन बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा था कि मोदी सरकार की नीतियां SC/ST के खिलाफ है। सरकार आरक्षण देने में साजिश रची जा रही है। फुले ने उस दिन एक अप्रैल को लखनऊ में बड़ी रैली करने का आह्वान भी किया था।
आज एक अप्रैल है और लखनऊ के मान्यवर काशीराम स्मृति उपवन में हजारों की संख्या में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक इक्कट्ठा हुए हैं। सावित्री बाई फुले के नेतृत्व में इस महारैली में प्रदेश के सभी आरक्षण समर्थक व कार्मिक संगठन एक मंच पर दिखाई दिए। ये पहला मौका है जब उत्तर प्रदेश के सभी आरक्षण समर्थक व कार्मिक संगठन एक मंच से आवाज बुलंद कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महारैली में सावित्री बाई फुले ने हुंकार भरते हुए कहा कि मैं सांसद हूं, सब जानती हूं कि लोकसभा और राज्यसभा में क्या चल रहा है। संविधान को कमजोर किया जा रहा है। चाहे पिछड़े वर्ग के हितों का बिल हो या फिर लोकसभा में लंबित पदोन्नति में आरक्षण का बिल हो, कोई भी पार्टी इसे पास नहीं कराना चाहती।
मुझे सांसद बने रहने व टिकट की कोई चिन्ता नहीं है। मुझे संविधान व आरक्षण को बचाने की चिन्ता है। अपने समाज के लिए हमने अपना घर-बार छोड़ दिया है, अब हमारा एक ही लक्ष्य है कि दलित व पिछड़े वर्ग के लोगों को एकजुट करके उनके अधिकारों को उन्हें दिलाया जाये। उन्होंने बताया कि आज महारैली ने इतिहास लिखा, जिसमें पूरे देश से बाबा साहब के अनुआयियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दलित विरोधी है।