देशभर में परेशान हाल किसान ने आखिरकार आज देश की राजधानी दिल्ली में मोदी सरकार के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने की ठान ली। मगर उससे पहले ही उन्हें दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर रोक दिया गया। जिसके बाद नाराज़ किसानों ने पुलिस का विरोध किया।

इसका नतीजा हुआ ये की पुलिस ने किसानों पर लाठियां बरसाई और आंसू गैस के गोले भी दागे। वही किसान जो हर रोज मर रहा है जो हर रोज मोदी और योगी के सरकार पर भरोसा करते करते थक चुका है।

जिस देश में सबसे ज्यादा आबादी किसानों की हो उसी देश में किसानों की मांगों नहीं माना जा रहा है। ‘जय जवान जय किसान’ कहने वाले देश में आज किसानों पर लाठियां खा रहा है क्यों? क्योकिं उसने केंद्र और राज्य की सत्ता में बड़े भरोसे से बीजेपी बैठाया था, जिसने किसानों की आवाज बनने का दावा किया था।

मगर सत्ता मिल जाने के बाद मौजूदा सरकार भी पिछली सरकारों ने ज्यादा क्रूर नज़र आ रही है। वो उनपर लाठियां आसूं गैस के गोले दागने में पीछे नहीं हट रही है।

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खून से लथपथ किसान कर्जों से दबे किसान और सरकारी वादों पर भरोसा करते करते थक जाने वाले किसान जो अब सरकार से ये कह रहे है कि हमारी मांगों को पूरा करो वरना कुर्सी से उतर जाओ।

बीजेपी ने कई दावे किये कि उसने किसानों की मदद की मगर ज़मीन पर कोई भी किसान ये मानने को तैयार नहीं था कि उसकी कोई मदद मोदी सरकार ने की है। कई लोगों ने यहां तक कहा, कर्ज माफ़ी तो दूर की बात राज्य की योगी सरकार ने तो हमारे लिए बिजली महंगी कर दी और डीजल आए दिन मंहगा होने से खेती करने में दिक्कत आ रही है।

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आज किसानों पर लाठियां और गोलियां बरसते देख यही कहा जा सकता है कि बीजेपी सरकार ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरु के बाद लाल बहादुर शास्त्री के दिए नारों को बदलने में लग गई है।

मोदी सरकार ने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा बदलकर ‘मर किसान मारे जवान’ कर दिया है।

गौरतलब हो कि किसान दिल्ली मार्च के लिए 23 सितंबर को हरिद्वार से चले थे, जो सोमवार को गाजियाबाद में दिल्ली की सरहद तक पहुंच गए। जब किसान बॉर्डर पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया।

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आज सुबह जब किसानों ने पुलिस बैरिकेडिंग को पार करने की कोशिश की तो पुलिस ने उनपर लाठियां भांजनी शुरु कर दी। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। पुलिस की इस कार्रवाई में कई किसान घायल हो गए।

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