जल संसाधन राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने गुरुवार को बताया कि केंद्र सरकार पिछले तीन साल (2014-15 से 2016-17 ) में गंगा सफाई और घाटों के सुंदरीकरण के लिए 36.33 अरब रुपये जारी कर चुकी है। सत्यपाल सिंह ने लोकसभा को यह जानकारी एक प्रश्न के लिखित जवाब में दी।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 361 घाटों के निर्माण एवं सुंदरीकरण की मंजूरी दी गई थी, जिनमें से 228 का काम पूरा हो चुका है। इनमें से 189 घाट पश्चिम बंगाल में हैं। जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और झारखंड में क्रमश: 20, 16, 2 और 1 घाट का काम पूरा किया जा चुका है।
सिंह ने कहा कि नदी पर 154 प्राथमिक नालियां और 1109 गौण प्रदूषणकारी उद्योग (जीपीआई) पाई गई हैं, जिनमें से ज़्यादातर उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। पांच घाटी राज्यों में से, गंगा का सबसे लंबा खंड उत्तर प्रदेश में है।
नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को उजागर करते हुए मंत्री ने कहा, “जीपीआई के निरीक्षण में पाया गया कि 1109 जीपीआई में से 538 मानदंडों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं और उनमें से 358 को बंद करने के निर्देश जारी किए गए और 180 को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
उन्होंने कहा कि नदी के प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में औद्योगिक क्षेत्रों में जल संरक्षण उपायों को अमल में लाना, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का अपग्रेडेशन और गंगा से सटे शहरों में आम प्रवाह उपचार संयंत्रों की स्थापना शामिल है।