कठुआ और उन्नाव रेप के विरोध में पूरे देश में लोगों का गुस्सा उबाल पर है। न्याय के लिए देश में सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक पर लोग जगह-जगह विरोध दर्ज करा रहे हैं। इन सबके बीच रविवार को देश के 49 रिटायर नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला खत लिखकर सरकार को इस सब का ज़िम्मेदार ठहराया है।

बता दें, कि जम्मू कश्मीर के कठुआ में आसिफा नाम की 8 साल की बच्ची की बलात्कार कर हत्या कर देने का मामला सामने आया है। जांच में पता चला है कि हत्या और बलात्कार एक मंदिर के पुजारी ने इलाके से मुसलमानों को भगाने के लिए किया था।

बच्ची का एक हफ्ते तक लगातार मंदिर में बलात्कार किया गया और बाद में पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी गई। इसके बावजूद भाजपा नेता इस जघन्य अपराध में आरोपियों को समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने उनके समर्थन में रैली भी निकाली थी।

वहीं दूसरे मामले में उत्तरप्रदेश के उन्नाव में एक लड़की ने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया है। आरोप के बावजूद महीनों तक विधायक की गिरफ़्तारी नहीं की गई। इसके बाद विधायक के भाई ने पीड़िता के पिता के साथ मारपीट की।

विधायक के भाई को पकड़ने के बजाए पुलिस ने पीड़िता के पिता को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस हिरासत में ही उनकी मौत भी हो गई। इस सब के बाद पीड़िता ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने जाकर खुद को जलाने की कोशिश की है.

ये ख़त पूर्व सेवानिवृत्त सिविल सेवा अधिकारियों के समूह ने लिखा है । खत में लिखा गया है कि कठुआ और उन्नाव की दर्दनाक घटनाएं दिखाती हैं कि सरकार अपनी बहुत ही मूल ज़िम्मेदारियों को पूरा करने में भी नाकाम रही है। ये हमारा सबसे काला दौर है और इससे निपटने में सरकार और राजनीतिक पार्टियों की कोशिश बहुत ही कम और कमज़ोर है।

चिट्ठी में कहा गया कि नागरिक सेवाओं से जुड़े युवा साथी भी लगता है कि अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने में विफल साबित हुए हैं। पूर्व नौकरशाहों ने इसी के साथ पीएम मोदी से अपील की है कि वह कठुआ और उन्नाव में पीड़ित परिवारों से माफी मांगे, फास्ट ट्रैक जांच कराएं और इन मामलों को लेकर सभी दलों की एक बैठक बुलाएं।

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