किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर मोदी सरकार ने जो वादा किया था। अब उस वादे पर मोदी सरकार ने किसानों को ठेंगा दिखा दिया। आज राज्यसभा में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने किसानों की आय दोगुना करने से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा- इसी ग्रोथ रेट (विकास दर) के साथ किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, हम भी इस बात को नहीं मानते हैं।

दरअसल सपा राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने किसानों की आय को लेकर सवाल किया था। सपा सांसद ने मोदी सरकार से पूछा था कि कृषि में शामिल मत्स्य पालन, डेयरी उत्पादन, वानिकी और खेती पर आधारित मौजूदा लगभग चार प्रतिशत कृषि विकास दर पर क्या 2022 तक किसानों की आय दो गुनी हो जाएगी ?

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उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, कृषि में शामिल इन चार मुख्य कार्यों पर आधारित कृषि विकास दर लगभग चार प्रतिशत है जबकि विशुद्ध खेती पर अधारित कृषि विकास दर दो प्रतिशत से भी कम है।

जिसपर कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने के लिये सरकार ने कृषि कार्य में पशु पालन, मधुमक्खी एवं मत्स्य पालन, बागवानी, वानिकीकरण आदि कामों को शामिल करते हुये इसमें किसान सम्मान योजना सहित अन्य कृषि कल्याण योजनाओं के सामूहिक लाभ से किसानों की आय दोगुना करने की कार्ययोजना लागू की है।

उन्होंने कहा कि आगे कहा कि कृषि से जुड़े अन्य पहलुओं को शामिल किये बिना मौजूदा कृषि विकास दर पर 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जायेगी, वह ऐसा नहीं मानते हैं।

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बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की दोगुनी करने को लेकर कहा था कि 2022 में जब देश आज़ादी की 75वीं सालगिरह मना रहा होगा, उस वक्त तक किसान की आय हम दोगुनी कर देंगें। यही मेरा सपना है। ऐसे में यकीन करना मुश्किल है की अब सच कौन बोल रहा है पीएम मोदी या उनके मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, जो ये मानाने से इनकार कर रहे कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी भी हो सकती।

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