डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा ‘रुपये’ के मूल्य में लगातार जारी गिरावट पर अब विश्व की जानीमानी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चिंता जताई है। एजेंसी ने कहा है कि जिस तरह से रुपये में गिरावट आ रही है उसका प्रभाव भारतीय कंपनियों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा है कि भारतीय कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग नकारात्मक हो रही है, जोकि खासतौर से उन कंपनियों के लिए ज्यादा नकारात्मक हो रही है, जो अपना राजस्व रुपये में कमाती हैं और अपने परिचालन पर खर्च करने के लिए डॉलर पर निर्भर हैं।

ये वही रेटिंग एजेंसी है जिसके द्वारा भारत की जीडीपी बढ़ने की आशंका जताने पर मोदी सरकार ने खुद को श्रेय दिया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली से लेकर भाजपा के विधायक तक सड़क से सोशल मीडिया पर अपनी सरकार की पीठ थपथपा रहे थे। लेकिन अब सब ने समझदारी भरी चुप्पी साध ली है।

अमेरिकन क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रुपया सोमवार को नई गिरावट 72.67 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया, जोकि पिछले कारोबार की तुलना में करीब एक रुपये की गिरावट है। इस साल रुपया डॉलर के मुकाबले अबतक 13 फीसदी गिर चुका है।

मूडीज ने कहा, लगातार कमजोर होता रुपया भारतीय कंपनियों की क्रेडिट को नकारात्मक कर रहा है, खासतौर से वैसी कंपनियों की क्रेडिट, जो रुपये में कमाई करती हैं, लेकिन पूंजीगत व्यय समेत विभिन्न परिचालन व्यय यानि खर्च डॉलर में करती हैं। उस तरह की भारतीय कम्पनियां जो भारत से बाहर भी व्यापर या व्यवसाय करती हैं।

हालांकि, ज़्यादा कमाई वाली और निवेश की श्रेणी वाली 24 भारतीय कॉरपोरेट्स, जिनकी रेटिंग मूडीज करती है, उनमें से 12 कंपनियां अपनी कमाई डॉलर में करती हैं। मूडीज द्वारा रेटिंग की जानेवाली भारतीय कंपनियां आईटी, तेल एवं गैस, रसायन, वाहन, कमोडिटी, स्टील और रियल एस्टेट क्षेत्र की हैं।

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