असम में आज नेशनल सिटिज़न रजिस्टर यानी NRC की फाइनल लिस्ट जारी कर दी गई है। इस लिस्ट में 19 लाख 6 हज़ार 657 लोग अपनी जगह नहीं बना पाए हैं।
एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया कि 3 करोड़ 11 लाख 21 हज़ार लोगों का NRC की फाइनल लिस्ट में जगह मिली और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया। जो लोग इससे संतुष्ट नहीं है, वे फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के आगे अपील दाख़िल कर सकते हैं।
इस लिस्ट के जारी होने के बाद अफरा-तफरी का माहौल है। लिस्ट में नामों को लेकर अनिश्चितताओं के चलते लोग तनाव में आ गए हैं। इस बीच ख़बर है कि NRC लिस्ट में नाम न शामिल किए जाने की आशंका के चलते एक महिला ने ख़ुदकुशी कर ली। महिला का नाम सायरा ख़ातून बताया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, तेजपुर क्षेत्र के रेजपुर दुलाबारी की रहने वाली सायरा ख़ातून ने जब सुना कि उनका नाम NRC की फाइनल लिस्ट में नहीं आया है तो कथित रूप से उन्होंने एक कुएं में छलांग लगाकर आत्मह त्या कर ली। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि सायरा ख़ातून का नाम लिस्ट में शामिल था या नहीं।
सोशल मीडिया पर सामाजिक कार्यकर्ता नदीम ख़ान ने दावा किया है कि सायरा का नाम लिस्ट में शामिल था। लेकिन उन्हें किसी अधिकारी ने ये जानकारी दे दी कि उनका नाम लिस्ट में नहीं आया है, वह एक बांग्लादेशी हैं। जिसे सुनने के बाद सायरा ने ख़ुदकुशी कर ली।
इससे पहले गुरुवार को भी गुवाहाटी में एक पति ने अपनी पत्नी का नाम NRC ड्राफ्ट में न आने पर ख़ुदकुशी कर ली थी। मामला करीमगंज के सोनैरपार गांव का था और ख़ुदकुशी करने वाले व्यक्ति का नाम प्रीति भूषण दत्ता था।
बता दें कि NRC से बाहर किए गए लोगों को अब तय समय सीमा के अंदर फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के सामने अपील करने का विकल्प खुला है। शेड्यूल ऑफ सिटिजनशिप के सेक्शन 8 के मुताबिक लोग NRC में नाम न होने पर अपील कर सकेंगे। अपील के लिए समयसीमा को अब 60 से बढ़ाकर 120 दिन कर दिया गया है यानी 31 दिसंबर, 2019 अपील के लिए लास्ट डेट होगी। गृह मंत्रालय के आदेश के तहत करीब 400 ट्राइब्यूनल्स का गठन एनआरसी के विवादों के निपटारे के लिए किया गया है।