जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचा। जहां प्रशासन ने प्रतिनिधिमंडल के सभी नेताओं को एयरपोर्ट पर ही रोक दिया। जिसके बाद विपक्षी नेताओं को दिल्ली वापस भेज दिया गया।
इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ गुलाम नबी आज़ाद और आनंद शर्मा, सीपीआई-एम के सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा, शरद यादव और राजद के मनोज झा शामिल हैं। ख़बरों के मुताबिक विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल जैसे ही एयरपोर्ट पहुंचा, प्रशासन ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया। जिसके बाद एयरपोर्ट पर हंगामा शुरु हो गया।
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बताया जा रहा है कि इस दौरान विपक्ष के नेताओं के दौरे को कवर करने के लिए एयरपोर्ट पर जुटे मीडियाकर्मियों मीडियाकर्मियों के साथ भी सुरक्षाकर्मियों ने बदसलूकी की। मीडियाकर्मियों के साथ सुरक्षाकर्मियों ने धक्का-मुक्की की और उनके कैमरों को तोड़ दिया।
बता दें कि विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्य के हालात का जायज़ा लेने और स्थानीय नागरिकों से मुलाकात करने के लिए पहुंचा था। लेकिन प्रशासन ने उन्हें राज्य में एंट्री करने से रोक दिया।
विपक्षी नेताओं को रोके जाने को लेकर कांग्रेस नेता नगमा मोरारजी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “श्री राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया गया और दिल्ली वापस भेज दिया गया? अगर सब कुछ सामान्य है तो उन्हें लोगों से मिलने और स्थिति का जायज़ा करने की अनुमति क्यों नहीं दी गई। यह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे जिन्होंने राहुल गांधी को आमंत्रित किया था, अब वह क्या छिपा रहे हैं? यह साबित करता है कि कश्मीर में सब कुछ ठीक नहीं हैं!”
Shri @RahulGandhi & other opposition leaders were detained & sent back to Delhi? If everything is normal why they are not allowed to meet people & assess the situation. It was J&K Governor who had invited RG, what is he hiding now? This proves ALL IS NOT WELL in Kashmir!
— Nagma (@nagma_morarji) August 24, 2019
वहीं जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि नेता राज्य का दौरा करने न आएं। उनके आने से शांति व्यवस्था बनाए रखने की कोशिशों में खलल पड़ सकता है। नेताओं को यहां आने से बचना चाहिए।
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ग़ौरतलब है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से अभी तक राज्य में किसी भी राजनीतिक दल के नेता को जाने की अनुमति नहीं दी गई है। स्थानीय नेताओं एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद रखा गया है। जिसको लेकर राज्य के हालात पर सवाल उठाए जाते रहे हैं। विपक्षी दल के नेताओं का आरोप है कि राज्य में हालात सामान्य नहीं है, इसीलिए स्थानीय नेताओं को नज़रबंद रखा गया है।
इससे पहले, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को राज्य में एंट्री नहीं दी गई थी और उन्हें दो बार जाने से रोका गया था। डी राजा को भी श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया था। राहुल गांधी और राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बीच राज्य का दौरा करने को लेकर ट्विटर पर बहस भी हो गई थी।