मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में दूसरी बार मंत्री बनने में कामयाब नितिन गडकरी ने एक बार फिर अपनी सरकार पर निशाना साधा है। एक केंद्रीय मंत्री होते हुए उन्होंने कहा कि मैं किसी प्रोजेक्ट में सरकार की मदद नहीं लेता। सरकार जहां भी हाथ लगाती है, वहां सत्यानाश हो जाता है। अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि गडकरी किस कदर अपनी सरकार से दुखी है।
दरअसल एक कार्यक्रम में बोलते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि एक संत ने कहा कि आप अपने सामाजिक आर्थिक जीवन को खुद बनाते हैं। तब से मैंने सरकार पर और भगवान पर भरोसा रखना बंद कर दिया। ना मैं सरकार से मदद मांगता हूं, ना जाता हूं। मदर डेयरी का अपवाद छोड़कर मेरा अनुभव है कि जहां सरकार हाथ लगाती है वहां सत्यानाश हो जाता है। कुछ अच्छा काम चल रहा है उसके लिए बधाई।
ये पहला मौका नहीं है जब गडकरी ने बड़ी ही साफगोई से अपनी सरकार पर निशाना साधा है। इससे पहले भी उन्होंने लोकसभा चुनावों के दौरान बालाकोट पर एयरस्ट्राइक किए जाने पर अपनी सरकार को नसीहत देते हुए कहा था कि भारतीय सेना की कार्रवाई को आम चुनावों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए और न ही इसका क्रेडिट किसी को लेना चाहिए।
गडकरी इस तरह के बयानों के लिए ही जाने जाते है। उन्होंने एक बार एक टीवी टॉक शो में कहा था कि चुनावों में हमने हर किसी से वादा कर दिया था। मगर हमें क्या पता था कि वो हमें सरकार में ला देंगें चुनावों में कई वादें ऐसे ही कर दिए जाते है उनपर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
वहीं उन्होंने एक और बयान देते हुए कहा था कि अगर आठ दिनों में यह काम पूरा नहीं किया तो वह लोगों से कहेंगे कि कानून व्यवस्था हाथ में लेकर अधिकारियों की धुलाई कर दें।