भागलपुर की सीजेएम कोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे समेत 9 लोगों के खिलाफ साम्प्रदायिक तनाव फैलने के मामले में गैर जमानती गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है।
अर्जित चौबे पर आरोप है कि उन्होंने हिन्दू नववर्ष के एक दिन पहले भागलपुर के नाथनगर में बिना इजाजत के जुलूस निकला और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की कोशिश की।
उनके जुलूस निकलने के बाद वहां दो समुदायों के बिच झड़प भी हो गई थी जिसके बाद पुलिस ने अर्जित चौबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया था।
बेटे के खिलाफ वारंट निकलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे बेटे के बचाव में उतारे हैं। उन्होंने कहा कि FIR सिर्फ एक कूड़े एक टुकड़ा है जोकि भ्रष्ट अधिकारियों ने दर्ज की है।
चौबे ने कहा कि “उसने कोई गंदा काम नहीं किया है इसलिए वो सरेंडर क्यों करेगा?” उन्होंने ये भी बताया कि उनका बेटा रामनवमी पर अपने गांव गया था और वहां भगवान राम की आरती भी की।
बता दें कि अर्जित चौबे पर सरेंडर करने का दबाव भी बनाया जा रहा है।
अर्जित चौबे साल 2015 में भाजपा की टिकट पर भागलपुर विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ चुकें हैं। उन्होंने 17 मार्च को भागलपुर के नाथनगर इलाके में बिना इजाजत जुलूस निकाला था जिसमे बजरंग दल, आरएसएस और बीजेपी के लोग भी शामिल थे। इस जुलूस के बाद नाथनगर इलाके में साम्प्रदायिक दंगे का माहौल बन गया था।