‘चुनाव आए तो जनता याद आए’ जी हां यूपी के गोरखपुर में यही देखने को मिला। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर के एक दलित के घर पर खाना खाया।

नेताओं द्वारा दलित, पिछड़े के घर खाना खाने के पैटर्न में योगी ने एक बदलाव कर दिया। सीएम योगी ने दलित के घर भोज में पत्तल और मिट्टी का गिलास इस्तेमाल किया।

क्योंकि बहुत सारी मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि दलित के घर भोज करने में नेता खाना और बर्तन अपना लाते हैं। दलित के घर का खाना और बर्तन इस्तेमाल नहीं करते। इससे बचने के लिए योगी ने दलित के घर भोज में पत्तल और मिट्टी का गिलास इस्तेमाल किया।

सीएम योगी के दलित के घर भोजन करने पर सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि योगी जी दलित के घर खाना तो आज खा रहे हैं लेकिन दलित, पिछड़ों का हक़ पिछले पांच सालों से खा रहे हैं

हाथरस की घटना का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि योगी जी हाथरस की बेटी की डेड बॉडी केरोसिन और पेट्रोल डालकर दो बजे रात जला दी गई। तब आप अत्याचारियों के साथ थे, यूपी के दलित, पिछड़े भूले नहीं हैं। योगी सरकार में दलित, पिछड़ों के साथ सिर्फ जुल्म ज्यादती हुई है।

योगी सरकार के मंत्री और विधायक पिछले हफ्ते से लगातार अपना इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे हैं, इनमें अधिकतर पिछड़े और दलित समाज से आते हैं।

बताया यह भी जा रहा है कि इतनी भारी संख्या में पिछड़े और दलित नेताओं का भाजपा छोड़कर सपा में जाने से भाजपा का पिछड़ा और दलित समाज का वोटर भी खिसक जायेगा। इन समाज के वोटर्स को बचाने के लिए सीएम योगी ने दलित के घर भोजन किया है।

 

 

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