साल 2013 में मुजफ्फरनगर और शामली में हुए दंगे में लिप्त सभी आरोपियों पर से योगी सरकार ने 131 मुकदमे हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन दंगों में 13 हत्या और 11 हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हैं।
दंगों में लगभग 65 लोग मारे गए थे और हजारों लोगों को घर बार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था। दंगा भड़काने का आरोप बीजेपी नेता संजीव बालियान, हुकुम सिंह और सुरेश राणा के ऊपर लगा था।
उस वक़्त अखिलेश यादव सरकार ने करीब 1,455 लोगों के खिलाफ 503 मामले दर्ज करवाए थे। लेकिन अब योगी सरकार इन मामलों को रद्द करने के ऊपर काम कर रही है। इस मामले पर राजनीति गर्म हो चली है।
एआईएमआईएम चीफ और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस पूरे मामले पर बीजेपी पर हिन्दू तुष्टीकरण करने का आरोप लगाया है। ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल कोर्ट बनाए जाने की बात कही लेकिन ये लोग स्पेशल कोर्ट बनने से पहले इन लोगों को बचाना चाहते हैं।
दूसरी बात यह है कि बीजेपी हमेशा मुस्लिम तुष्टीकरण की बात करती है। ये हिंदुत्व तुष्टिकरण है। उत्तर प्रदेश में रूल ऑफ लॉ नहीं, रूल ऑफ रिलीजन है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी उन तमाम लोगों को बचाना चाहती है, जिनकी वजह से 70 हज़ार लोग बेघर हो गए। ओवैसी ने कहा कि एक बात साफ हो गई है कि ये ट्रिपल तलाक़ पर बिल लाते हैं और अब रेप के आरोपी को बचाने की बात कर रहे हैं।