ऐसे समय में जब गाय के नाम पर बेकसूर लोगों की ह त्या की जा रही है। गौ तस्करी का आरोप लगाकर भीड़ अल्पसंख्यकों और दलितों को निशाना बना रही है, तब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये कहते नज़र आ रहे हैं कि ‘गाय’ शब्द पर कुछ लोगों के कान खड़े हो जाते हैं।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पशुओं को बीमारियों से बचाने और स्वच्छता के लिए चलाए जा रहे एक अभियान के शुभारंभ के लिए उत्तर प्रदेश के मथुरा पहुंचे थे। यहां उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ये देश का दुर्भाग्य है कि यहां कुछ लोगों के कान पर अगर ‘ओम’ और ‘गाय’ शब्द पड़ता है तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं”।

पीएम मोदी ने कहा, “गाय शब्द सुनते ही उनको लगता है कि देश 16वीं शाताब्दी में चला गया, ऐसा ज्ञान देश को बर्बाद करने वालों ने दिया है”।

देश की अर्थव्यवस्था से टूटने की आवाजें आ रही हैं और PM मोदी ‘गाय-ओम’ पर भाषण दे रहे हैं

पीएम मोदी के इस बयान पर ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ़ असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि दूसरों के कान खड़े होने की बात करने वाले पीएम मोदी के कान आख़िर तब क्यों नहीं खड़े होते जब गाय के नाम पर इंसानों को मारा जाता है और संविधान की धज्जियां उड़ाई जाती हैं।

उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के कान उस वक्त खड़े होने चाहिए जब संविधान में दिए गए जीने के अधिकार को गाय के नाम पर छीन लिया जाता है।

पीएम मोदी ने अपने बयान में यह भी कहा कि गाय की ह त्या की बात सुनकर तकलीफ होनी चाहिए। अब सवाल ये उठता है कि क्या पीएम मोदी को नहीं पता कि गाय के नाम पर उग्र भीड़ इसी तकलीफ़ का हवाला देकर लोगों की ह त्या कर रही है। क्या ये पीएम मोदी की ज़िम्मेदारी नहीं है कि वह गाय की ह त्या पर इंसान की ह त्या को तरजीह दें और गाय के नाम पर इंसानों के कत्ल का विरोध करें।

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