उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में आज सुबह संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति तोड़े जाने की घटना सामने आई है।

जहां एक तरफ डॉ. आंबेडकर के नाम के आगे ‘रामजी’ जोड़े जाने पर पहले से ही विवाद जारी था वही इस घटना के बाद अब और आलोचना होने लगी है।

इस मामले पर समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने आरएसएस के लोगों से सवाल किया है। पंखुड़ी पाठक ने ट्वीट के जरिए पूछा, “अब तो बाबासाहेब के नाम में ‘राम’जी भी लगा दिया, अब क्यूँ उनकी मूर्ति तोड़ रहे हो संघियों ?”


गौरतलब है कि त्रिपुरा में भाजपा की जीत एक बाद वामपंथी विचारक लेनिन की मूर्ति तोड़ने के बाद से ये मूर्ति तोड़ने का सिलसिला चलता आ रहा है। उसके बाद से कई जगहों पर बहुत सारे अन्य लोगों की मूर्तियाँ तोड़ी गई।

वही मूर्ति तोड़े जाने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए फूलपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद नागेंद्र सिंह पटेल स्थल पर ही धरने पर बैठ गये हैं।

उत्तर प्रदेश में अंबेडकर की मूर्ति तोड़े जाने का कोई पहला मामला नहीं है। पिछले दिनों आजमगढ़ के कप्तानगंज के राजापट्टी गांव में संविधान निर्माता डॉ। भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ दी गई थी। इससे पहले मेरठ में कुछ असामाजिक तत्वों ने प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया था।

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