तीन मार्च को पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम आए। बीजेपी को त्रिपुरा के अलावा किसी भी दो राज्यों में बहुमत नहीं मिला। लेकिन बीजेपी तीनों राज्य में सरकार बना रही है। पूर्वोत्तर भारत के इन तीन राज्यों में बीजेपी को सत्ता हासिल किए 48 घंटे भी नहीं हुए थे कि हिंसा शुरू हो गयी।

पश्चिम त्रिपुरा प्रशासन ने हिंसा को देखते हुए धारा 144 लगा दी है। वामपंथी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि चुनाव जीतने के बाद बीजेपी के समर्थक उनके कार्यालयों को ही नहीं, बल्कि उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी निशाना बना रही है।

लगातार हो रही हिंसा के डर से सीपीएम के नेता और कार्यकर्ता भी डरे सहमे हुए हैं। आज तक में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, अगरतला से सीपीएम के पूर्व विधायक झुमु सरकार जो इस बार चुनाव हार गए ने एक न्यूज़ चैनल को बताया कि उन्हें हर रोज़ हमले की धमकियां मिल रही हैं।

इतना ही नहीं, पांच मार्च को त्रिपुरा के बेलोनिया शहर के सेंटर ऑफ कॉलेज स्कॉयर में खड़ी लेनिन की प्रतिमा को जेसीबी मशीन से गिरा दिया। 11.5 फुट फाइबर ग्लास की ये प्रतिमा पांच साल पहले 2013 में CPIM द्वारा चुनाव जीतने के बाद लगाई गई थी।

सोशल मीडिया पर लेनिन की प्रतिमा गिराए जाने की वीडियो शेयर की जा रही है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि प्रतिमा
गिराने का जश्न मनाने वाले लोगों ने बीजेपी की टोपी पहनी हुई है।

मूर्ति गिराते वक्त भारत माता की जय के नारे लगाए जा रहे थे। एसपी के मुताबिक बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बुलडोजर ड्राइवर को
शराब पिलाकर मूर्ति को गिरवाया। ड्राइवर को गिरफ्तार किया जा चुका है और उसके बुलडोजर को सीज कर दिया गया है।

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