मोदी सरकार अब फेक न्यूज़ पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को इस मामले में पत्रकारों की मान्यता का संशोधित गाइडलाइन जारी कर दी है।

फेक न्यूज़ से से निपटने के लिए कई नए प्रावधानों को शामिल किया गया है। इसमें पत्रकारों की मान्यता ख़त्म करने जैसे कड़े प्रावधान भी शामिल है।

अब इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी ने सीधे तौर पर हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है और फेक न्यूज़ को लेकर मोदी सरकार ने इस मामले पर आखिरी फैसला प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया पर छोड़ दिया है।

दरअसल सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि झूठी खबरों के बारे में शिकायत की जांच कैसे की जाएगी ये बताया है। बयान में कहा गया है कि अब फेक न्यूज़ के बारे में किसी तरह की शिकायत मिलने पर प्रिंट मीडिया का मामला प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया (PCI) और  इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का मामला हुआ तो उसे न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (NBA) को भेजा जायेगा।

फेक न्यूज़ कितनी सही है कितनी गलत इस बारें में यही दोनों संस्थाएं तय करेगी। इसके साथ पत्रकारों कोई परेशानी न हो इसलिए फेक न्यूज़ पर फैसला दोनों एजेंसियों के द्वारा 15 दिन के भीतर निपटाने की व्यवस्था होगी।

इस मामले में खुद सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट पर एक प्रतिक्रिया में कहा है, ‘यह बताना उचित होगा कि फेक न्यूज के मामले पीसीआई और एनबीए के द्वारा तय किए जाएंगे, दोनों एजेंसियां भारत सरकार के द्वारा रेगुलेट या ऑपरेट नहीं की जाती हैं।

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