सोशल मीडिया वो मंच है जहाँ बड़े स्तर पर लोग अपनी वो बात भी रखते हैं जो गोदी मीडिया आम जतना को नहीं दिखाता। सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह है और दूसरी तरफ बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्णा आडवाणी हैं।

यह फोटो खास इसीलिए है, क्योंकि इससे वर्तमान भारतीय राजनीति के दो बड़े नेताओं का शिष्टाचार और बड़ों के प्रति आदर भाव का पता चल रहा है कि ये दोनों नेता अपने बड़ो का कितना सम्मान करते हैं।

दरअसल, त्रिपुरा में बीजेपी के जीत के साथ मौका था वहां के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के शपथ ग्रहण समारोह का। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी मुख्य अथिति थे, जिसमें मंच पर बीजेपी के दिग्गज आडवाणी, राजनाथ सिंह, अमित शाह जैसे बड़े नेता मौजूद थे।

पीएम मोदी जैसे ही मंच पर सभी का अभिवादन स्वीकार करते हुए आगे बढ़े उन्होंने अमित शाह और राजनाथ के सामने हाथ जोड़े। जबकि आडवाणी हाथ जोड़े खड़े रहे और मोदी उन्हें नजरंदाज़ करते हुए आगे बढ़ गए।

वहीं दूसरी तस्वीर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी हैं जो बड़े ही आदर भाव से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का हाथ पकड़ कर उनको सीढियां चढ़ने में मदद कर रहे हैं। भारतीय समाज में बड़ों का आदर सार्वजानिक जीवन में बहुत मायने रखता है, जिसकी कसौटी पर पीएम मोदी खरे नहीं उतरते हैं।

यह आश्चर्य करने वाली घटना है कि पीएम मोदी संसद में पहली बार जाते हैं तो लोकतंत्र का आदर करने के लिए संसद की सीढ़ियों को चूमते हैं, यह सबने देखा। लेकिन यही पीएम मोदी अपने बुजुर्ग राजनीतिक गुरु आडवाणी का सार्वजानिक जीवन में भी नजरंदाज़ करके सबको यह अहसास करवा देते हैं कि वो जो देश को दिखाने की कोशिश करते है, करते उसका ठीक उलट हैं।

जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी और मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी को अपनी ही पार्टी में किनारे किया है, जिस पार्टी को उन्होंने खड़ा किया है उसी पार्टी में उनको दोयम दर्जे का नेता बना दिया है, ये दिखता है कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं है।

यह बात तो स्पष्ट है कि आडवाणी जिस चीज़ के हकदार हैं वो उन्हें बीजेपी और उसके नेताओं ने नहीं दिया।

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