कल प्रधानमंत्री मोदी ने 41वीं बार अपने रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ को किया। पीएम मोदी ने आज अपने कार्यक्रम के दौरान जो भी कहा उसपर जमकर चर्चा हो रही है।
पीएम ने कहा कि ‘भारत में मवेशियों की आबादी 30 करोड़ है और गोबर का उत्पादन प्रतिदिन लगभग 30 लाख टन है। इसलिए गोबर और कचरे को सिर्फ कचरे के रूप में नहीं बल्कि आय के स्रोत के रूप में देखिए।’
इतना ही नहीं पीएन ने खुद कार्यक्रम के दौरान इससे जुड़े एक योजना की भी घोषणा की। उन्होंने कहा ‘इस बार बजट में ‘स्वच्छ भारत’ के तहत गांवों के लिए बायोगैस के माध्यम से waste to wealth और waste to energy बनाने पर जोर दिया गया।
इसके लिए पहल शुरू की गई और इसे नाम दिया गया गोबर धन ‘GOBAR-Dhan’ – Galvanizing Organic Bio-Agro Resources। इस गोबर-धन योजना का उद्देश्य है, गांवों को स्वच्छ बनाना और पशुओं के गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कम्पोस्ट और बायो-गैस में परिवर्तित कर, उससे धन और ऊर्जा पैदा करना।’
पीएम के गोबर-धन योजना को लेकर सोशल मीडिया पर मजाक भी बनाया जा रहा है। एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि अगर गोबर से आय बढाना है तो पकौड़े की दुकान लगाने का जो पूरा सामान खरीद लिया है अब उसका क्या करें?
दरअसल ट्विटर यूजर ने पीएम के पकौड़ा बयान पर तंज कसा है। पिछले दिनों पीएम मोदी ने जी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि पकौड़ा बेचना भी रोजगार है। अमित शाह ने भी पीएम के इस बयान का बचाव करते हुए कहा था कि बेरोजगारी से अच्छा है पकौड़े बेचो।