अभी कुछ महीने पहले ही करणी सेना ने एक फिल्म के विरोध में पूरे देश को हिंसा के आग झोक दिया था। जगह-जगह बसों को जलाया गया, सरकारी संपत्ति को नुकशान पहुंचाया गया। करणी सेना के राजपूतों ने अपनी आन-बान-शान के लिए हथियारों का खुला प्रदर्शन किया था।

उस वक्त उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मौन मुद्रा में थी। यूपी पुलिस की इतनी हिम्मत नहीं थी कि करणी सेना के दंगाईयों पर लाठी चला दे। सत्ता पर आसीन जातिवादी ताकतों ने राज्य को हिंसा की ज्वाला में जलने दिया।

लेकिन आज जैसे ही दलित समाज के लोग अपने अधिकार के लिए सड़कों पर उतरे यूपी पुलिस उग्र हो गई। सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा यूपी पुलिस के हिंसा की वीडियो वायरल हो रही है।

मेरठ में कही यूपी पुलिस के 3-4 सिपाही मिलकर प्रदर्शन कर रहे दलित युवक पीटती नजर आ रही है। तो कही प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे नेताओं को लात मारती नजर आ रही है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूर्व बीएसपी विधायक और मेरठ की मेयर सुनीता वर्मा के पति योगेश वर्मा को लात मारकर वैन में बैठा रही है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम में कुछ बड़े बदलाव किए थे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के विरोध में आज सोमवार को भारत बंद किया गया है।

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