उत्तर प्रदेश के कई शहर इस वक्त बाढ़ की चपेट में हैं। इस बाढ़ के साथ ही नेताओं का ‘डिजास्टर टूरिज्म’ भी शुरु हो गया है। ज़िम्मेदार नेता बाढ़ का जायज़ा लेने मौके पर पहुंच रहे हैं और उनका स्वागत बेहतरीन तैयारियों के साथ किया जा रहा है।

दरअसल, आज (20 सितंबर) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ का जायज़ा लेने प्रयागराज पहुंचे। उन्‍होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हेलीकाप्टर से जायज़ा लिया। इसके बाद वह सदर बाजार के कैंट हाई स्कूल के एक राहत शिविर पहुंचे। शिविर में उनके स्‍वागत की खासी तैयारी की गई थी। बाकायदा मंच बनाया गया था। उस पर कालीन बिछाई गए थी और पंखे लगाए गए थे।

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कालीन के इस मंच से सीएम योगी ने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री भी बांटी। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ सांसद रीता बहुगुणा जोशी, केशरी देवी पटेल, कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ, विधायक हर्षवर्द्धन वाजपेयी  सिंह आदि मौजूद रहे। हालांकि मंच पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य नज़र नहीं आए।

इस मौके पर सीएम योगी ने मीडिया से बात करत हुए कहा कि मध्य प्रदेश व राजस्थान के बांधों से छोड़े गए पानी से यमुना का जलस्तर यहां बढ़ा है। जल्द ही पानी घटेगा और राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को हर संभव राहत एवं मदद के लिए प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।

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उन्होंने कहा कि जनहानि एवं अन्य नुकसान के मुआवजे के भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वह यहां के बाद वाराणसी और गाजीपुर जाकर बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायज़ा लेंगे।

वहीं सीएम योगी के निर्देश पर मंडलायुक्त और जिलाधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर निकल पड़े थे। बाढ़ ग्रस्त इलाकों और राहत शिविरों में जाकर अफसरों ने बाढ़ पीडि़तों से बात की और उनकी समस्याओं के बारे में जाना। अफसरों ने मातहतों को निर्देश दिया कि राहत शिविरों में रह रहे लोगों को किसी तरह की दिक्कत न हो। बाढ़ में फंसे लोगों को अविलंब बाहर निकालकर उन्हें राहत शिविर तक पहुंचाया जाए।

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