‘आरक्षण ख़त्म करो’ का नारा अब फिर जाग गया है। एक बार संघ प्रमुख मोहन भागवत के जरिए से आरक्षण ख़त्म करने की मांग की गई है। पुष्कर के पुरोहितों ने सरोवर घाट पहुंचे भागवत ने जब वहां पूजा की तो पुष्कर के पुरोहितों ने पूजा के बाद दक्षिणा के तौर पर देश से आरक्षण समाप्त करने की मांग कर दी।

दरअसल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय समन्वय बैठक और प्रतिनिधिमंडल की बैठक के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत पुष्कर पहुंचे हैं। जहां उन्होंने जब पूजा की तो पुष्कर के तीर्थ पुरोहितों ने पूजा अर्चना खत्म होते ही मोहन भागवत से पूरे देश में आरक्षण समाप्त करने की मांग कर दी।

इसपर संघ प्रमुख का जवाब तो सामने नहीं आया है। इस मौके पर जगद्गुरु श्रीश्री महाराज श्याम शरण देवाचार्य इसके बाद मंदिर में मोहन भागवत का माला पहनाकर स्वागत भी किया। पुष्कर की पूजा अर्चना के बाद मोहन भागवत ने जगद्गुरु श्री निंबार्काचार्य महाराज से धर्म पर भी चर्चा भी की है।

क्यों हो रही है आरक्षण ख़त्म करो चर्चा?

पिछले दिनों आरक्षण पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं, उन्हें सौहार्दपूर्ण वातावरण में इस पर विमर्श करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि मैंने आरक्षण को लेकर पहले भी चर्चा की थी मगर ये मुद्दे से भटक गया था।

आरक्षण को सालों पुरानी व्यवस्था बता चुके भागवत ने एक बार फिर आरक्षण को लेकर ऐसे वक़्त में बयान दिया है। जब हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र तक में विधानसभा चुनाव होने है ऐसे में महाराष्ट्र में जहां ओबीसी, दलित और आदिवासियों की बड़ी भागेदारी है वहीं हरियाणा में ओबीसी और दलितों की अच्छी खासी संख्या है।

बता दें कि संघ की नज़र में आरक्षण ख़त्म करना उनके एजेंडा का हिस्सा है। जिसमें आरक्षण सीधे सीधे ख़त्म करने की बात कही जाती है। जहां भारतीय सविंधान के तहत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। जिसमें अनुसूचित जाति (SC) को 15 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (ST) को 7.5 फीसदी, OBC यानी की पिछड़ी जातियों को 27 फीसदी और गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण मिल रहा है। बाकी बची 40.5 फीसदी नौकरियां सामान्य जातियों के लिए हैं।

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