‘ये विज्ञापन अर्थव्यवस्था के बारे में भाजपा सरकार के दावों की असलियत की पोल खोल रहे हैं। अभी तक औद्योगिक संस्थाएँ विज्ञापन देती थीं कि हम आगे बढ़ रहे हैं। भाजपा सरकार के शासन में कईयों को विज्ञापन देकर कहना पड़ रहा है कि हम डूब रहे हैं, हमें बचाओ। बाकी आप समझ सकते हैं!’

ये बयान कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा का है जिन्होंने बढ़ती आर्थिक मंदी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

दरअसल बीते दिनों अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के पेज नंबर तीन पर बड़ा सा विज्ञापन छपा। जिसमें लिखा था कि भारतीय स्पीनिंग उद्योग सबसे बड़े संकट से गुज़र रहा है जिसके कारण बड़ी संख्या में नौकरियाँ जा रही हैं। आधे पन्ने के इस विज्ञापन में नौकरियाँ जाने के बाद फ़ैक्ट्री से बाहर आते लोगों का स्केच बनाया गया है। नीचे बारीक आकार में लिखा है कि एक तिहाई धागा मिलें बंद हो चुकी हैं।

जो चल रही हैं वो भारी घाटे में हैं। उनकी इतनी भी स्थिति नहीं है कि वे भारतीय कपास ख़रीद सकें। कपास की आगामी फ़सल का कोई ख़रीदार नहीं होगा। अनुमान है कि अस्सी हज़ार करोड़ का कपास होने जा रहा है तो इसका असर कपास के किसानों पर भी होगा।

बता दें कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री करीब 10 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार देती है। साथ ही ये इंडस्ट्री किसानों के उत्पाद जैसे कपास, जूट वगैरह भी खरीदती है।

लेकिन मौजूदा समय में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का दावा है कि वह संकट से ग़ुज़र रही है। इस संकट की ओर सरकार का ध्यान खींचने के लिए ही इंडस्ट्री ने अख़बार में ये विज्ञापन दिया है। इंडस्ट्री चाहती है कि सरकार दिक्कतों को हल करने की दिशा में ज़रूरी कदम उठाए।

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