पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में आरोपी नीरव मोदी के संबंध अब केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से जुड़ते नज़र आ रहे हैं। ‘द वायर’ की खबर के मुताबिक, अरुण जेटली की बेटी की कानून फर्म ‘जेटली एंड बक्शी’ घोटाले के दूसरे आरोपी मुहुल चौकसी के लिए काम कर रही थी।

बता दें, कि पीएनबी बैंक में 12,600 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। एक टीवी चैनल ने घोटाले से जुड़े दस्तावेज़ों के आधार पर इस घोटाले को 29000 करोड़ रुपये का बताया है। इस घोटाले में आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा मुहल चौकसी हैं। घोटाला सामने आने से पहले ही ये दोनों पूरे परिवार के साथ देश छोड़कर भागने में कामयाब हो गए।

बता दें, कि नीरव मोदी देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के रिश्तेदार हैं। मुकेश अंबानी को मोदी सरकार का करीबी माना जाता है। हाल ही में स्विटज़रलैंड के दावोस शहर में हुए वर्ल्ड इकनोमिक फोरम की बैठक में नीरव मोदी को भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ देखा गया था।

‘द वायर’ की खबर के मुताबिक, मेहुल चौकसी की कंपनी गीतांजली जेम्स ने उनके लिए केस लड़ने के लिए कानून फर्म ‘जेटली एंड बक्शी’ के साथ दिसम्बर 2017 में समझौता किया गया था। इस समझौते में ‘जेटली एंड बक्शी’ को मेहुल चौकसी की कंपनी की ओर से भुगतान भी किया गया था। लेकिन मेहुल चौकसी का नाम पीएनबी घोटाले में आने के बाद ‘जेटली एंड बक्शी’ ने ये समझौता रद्द कर दिया।

इस घोटाले के सामने आने के बाद सरकारी ऐजंसियां उन सभी कानून फर्मों पर छापे मार रही हैं जो नीरव मोदी या मुहुल चौकसी के लिए काम कर रही थी।

यहाँ तक की मुंबई में सायरिल अमरचंद मंगलदास कानून फर्म पर भी सीबीआई ने छापा मारा। जबकि इस फर्म ने नीरव मोदी की कंपनी के साथ किसी केस के लिए घोटाला सामने आने से केवल एक हफ्ते पहले ही समझौता किया था। लेकिन जेटली की बेटी की कानून फर्म ‘जेटली एंड बक्शी’ पर अभी तक कोई छापेमारी नहीं हुई है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी इस मामले में अरुण जेटली को निशाना बनाते हुए ट्वीट किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अब ये बात सामने आ चुकी है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपनी वकील बेटी को बचाने के लिए इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। घोटाला आरोपी ने उनकी बेटी को घोटाला सामने आने से पहले भुगतान दिया था।

राहुल गाँधी ने सवाल करते हुए कहा कि जब आरोपी से जुड़ी सभी कानून फार्मों पर छापेमारी हो रही है तो वित्त मंत्री की बेटी की फर्म पर क्यों नहीं?

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