जहां एक तरफ उद्द्योगपतियों को करोडों का कर्ज देकर आसानी से उनका कर्ज माफ़ कर दिया जा रहा है वहीं कुछ मामूली कर्ज के लिए गरीब किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। इस मामले पर अब मोदी सरकार कि चौतरफा आलोचना हो रही है।

किसानों का मार्ज माफ ना करने के मामले में मोदी सरकार अब सवालों के घेरे में आ चुकी है। खुद को किसान हितैशी बताने वाली मोदी सरकार पर ये भी आरोप लगाया जा रहा है कि उन्हें उद्द्योगपतियों की चिंता किसानों से ज्यादा है।

किसानों के इस मुद्दे को उठाते हुए कर्नाटक दौरे पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “पैसा किसानों की जेब से निकाल कर 10 उद्द्योगपतियों की जेब में जा रहा है।”

राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगते हुए सवाल पूछते हुए कहा, “आपने देश के 10 सबसे अमीर उद्द्योगपतियों का लोन माफ़ किया, मोदी जी क्या आप हिन्दुस्तान के किसानों का लोन माफ़ करोगे? कोई जवाब नहीं मिला।”

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री पर इससे पहले भी उद्द्योगपतियों के करीबी होने का भी आरोप लगाया गया है। यहां तक कि एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चौकसी को ‘हमारे मेहुल भाई’ कह कर संबोधित किया था।

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