राजस्थान सरकार लिंगानुपात में राज्य की स्थिति सुधरने का श्रेय ‘बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ’ अभियान को दे रही है। लेकिन अब लिंगानुपात के ये आकड़े ही फर्ज़ी बताए जा रहे हैं।

राजस्थान सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय भेजी रिपोर्ट में दावा किया है कि राज्य के झुंझुनू ज़िले में लिंगानुपात पहले के मुकाबले सुधरा है। ज़िले का लिंगानुपात 955 हो गया है यानि प्रति हज़ार लड़को पर 955 लड़कियां। जबकि 2011 में आकड़ा 837 था।

लेकिन पिछले दिनों नीति आयोग की जारी रिपोर्ट के अनुसार ज़िले में लिंगानुपात 905 ही है। राज्य सरकार ने लिंगानुपात 955 हो जाने के कारण झुंझुनू ज़िले में आज प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम आयोजित किया है। अब आकड़ो पर ही सवाल उठ गए हैं।

ऐसे हुआ आकड़ो का फर्जीवाड़ा

दरअसल, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में लिंगानुपात के आकड़े शिशु लिंगानुपात (सीएसआर) के बजाए जन्म के समय अनुपात (एसआरबी) से लिए हैं। सीएसआर में 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों के आकड़े जुटाए जाते हैं। जबकि एसआरबी में 0 से 1 वर्ष तक के बच्चों के आकड़े जुटाए जाते हैं।

पूर्वी चिकित्सा मंत्री राजकुमार शर्मा ने कहा है कि लिंगानुपात के ये आकड़े फर्ज़ी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पीएमओ को बेवकूफ बना रही है। नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में लिंगानुपात के आकड़े 905 में बताए हैं।

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