आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की ज़मानत याचिका खारिज करने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज सुनील गौड़ को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) कोर्ट का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। वह 23 सितंबर को अपनी नई ज़िम्मेदारी संभालेंगे।

सुनील गौड़ को पीएमएलए कोर्ट का चेयरमैन बनाने के फैसले पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट कर लिखा, “तो दिल्ली के सत्ता गलियारों में चर्चा सही थी। जस्टिस सुनील गौड़, जो रिटायर होने से 3 दिन पहले चिदंबरम की अग्रिम ज़मानत पर फैसला देकर उनकी गिरफ्तारी को पक्का कर रहे थे, को PMLA ट्रिब्यूनल का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। ये है ‘असली’ कहानी किस्मत की! ज़्यादा मत कहो!”

बता दें कि अपने रिटायरमेंट से 2 दिन पहले जस्टिस गौड़ ने 20 अगस्त को INX मीडिया केस में चिदंबरम की अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी। ज़मानत याचिका खारिज करते हुए उन्होंने कहा था कि इस मामले में चिदंबरम प्रथम दृष्टया ‘‘प्रमुख षड्यंत्रकारी” लगते हैं और प्रभावी जांच के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ करने की ज़रूरत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि INX मीडिया ‘घोटाला’ मनी लॉन्ड्रिंग का बेहतरीन उदाहरण है। जस्टिस गौड़ के आदेश के बाद CBI ने 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया था।

चिदंबरम की ज़मानत याचिका खारिज करने वाले जज को PMLA कोर्ट का अध्यक्ष बनाया गया

सुनील गौड़ को साल 2008 में हाई कोर्ट का जज बनाया गया था। गौड़ ने जज के कार्यकाल में कई अहम मामलों पर सुनवाई की, जिसमें नैशनल हैराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की कथित भूमिका और उनके खिलाफ केस चलाने की इजाज़त देने के साथ ही मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी के खिलाफ अगुस्टा वेस्टलैंड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलाने और ज़मानत याचिका खारिज करने का फैसला भी है। सुनील गौड़ ने मोईन कुरैशी के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई की थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here