राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा एक बार फिर आरक्षण पर दिए गए बयान पर खुद मोदी सरकार के मंत्री और NDA के प्रमुख सहयोगी रामविलास पासवान ने दबे मुँह पलटवार किया है।

केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, “आरक्षण पर किसी तरह की चर्चा की जरुरत नहीं है, न ही इसपर विचार करने की कोई आवश्यकता है।”

देश की 85% आबादी से ‘आरक्षण’ छीन ये काले अंग्रेज फिर से उन्हें ‘गुलाम’ बनाना चाहते हैं : सुनील यादव

पासवान ने आगे कहा कि, आरक्षण पर चर्चा की कोई गुंजाईश नहीं है और ये कभी खत्म नहीं होने वाला है। ये पहले की तरह चलता रहेगा और सभी पक्षों को मिलता रहेगा। जबकि मोहन भागवत ने अपने बयान में कहा है कि, अब समय है कि आरक्षण पर फिर से बात की जाए, जो लोग इसके पक्ष में है वो अपनी बात कहें और जो विरोध में हैं वो भी अपनी बात कहें।

मोहन भागवत कई बार अपने बयानों ने संघ की मंशा जाहिर कर चुके हैं कि वो पिछड़े वर्ग को मिलने वाले ‘आरक्षण’ को हटाना चाहते हैं। भागवत 2015 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षण पर बयान देते हुए कहा था कि आरक्षण पर विचार होना चाहिए।

मोहन भागवत की बयान पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, ”आरएसएस का हौसला बढ़ा हुआ है और मंसूबे खतरनाक हैं। जिस समय भाजपा सरकार एक-एक करके जनपक्षधर कानूनों का गला घोंट रही है, आरएसएस ने भी लगे हाथ आरक्षण पर बहस करने की बात उठा दी है। बहस तो शब्दों का बहाना है मगर आरएसएस-बीजेपी का असली निशाना सामाजिक न्याय है।” प्रियंका ने देश की जनता से कहा कि, लेकिन क्या आप ऐसा होने देंगे?

वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी मोहन भागवत के बयान का कड़ा विरोध किया है। तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके प्रतिक्रिया दी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here